नई दिल्ली: चीन ने कोरोना वैक्सीनेशन (China 1 Billion Full vaccination) के मामले में नया रिकॉर्ड कायम करने का दावा किया है. चीन ने 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज दे दी हैं. यानी चीन में 200 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन (China 200 Crore Vaccination) डोज नागरिकों को लगाई जा चुकी हैं. चीन की सरकारी मीडिया शिन्हुआ ने ये जानकारी साझा की है. चीन का यह दावा ऐसे वक्त सामने आया है, जब भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन (100 Crore Vaccine Dose India) देने का रिकॉर्ड 21 अक्टूबर को कायम किया है.
चीन ने आधिकारिक आंकड़े जारी करते हुए रविवार को बताया है कि उसने 1.06 अरब लोगों का पूर्ण वैक्सीनेशन ( China100 Crore Full vaccination) कर दिया है. चीन 224 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगा चुका है. अब तक चीन कोरोना के मामलों और वैक्सीनेशन को लेकर कम ही जानकारी देता रहा है.चीन की ओर से यह जानकारी ऐसे वक्त सामने आई है, जब उसके देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. ऐसे में चीन में कोरोना खत्म होने की संभावनाएं फिलहाल टूटती नजर आ रही हैं.
चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन (National Health Commission) के प्रवक्ता मी फेंग ने रविवार को एक प्रेस कान्फेंस में कहा कि देश में 1.06 अरब लोगों का पूर्ण वैक्सीनेशन हो चुका है. उन्होंने स्टेट काउंसिल की कोविड-19 रिस्पांस टॉस्कफोर्स की बैठक (COVID-19 vaccination) के दौरान बीजिंग में यह जानकारी दी.
गौरतलब है कि भारत ने 21 अक्टूबर को 100 करोड़ वैक्सीन डोज देने का कीर्तिमान कायम किया है. भारत में 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था. जबकि चीन जुलाई 2020 से वैक्सीनेशन अभियान में जुटा है. एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत अगले 3-4 माह में 100 करोड़ और डोज लगाने में सक्षम होगा. अगर यह लक्ष्य सफल रहता है तो भारत चीन से कम समय में 100 करोड़ नागरिकों को कोरोना की दोनों डोज देने में कामयाबी हासिल कर लेगा.
भारत में अगस्त से अक्टूबर के बीच 50 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई हैं. भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश फर्म एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड (Covishield) और स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) लोगों को दी जा रहा है. स्पूतनिक वी वैक्सीन बहुत कम लोगों को लगी है. 85 फीसदी से ज्यादा वैक्सीनेशन कोविशील्ड के जरिये हुआ है.
चीन में सिनोफार्म की सिनोफॉर्म (Sinopharm) और सिनोवैक (Sinovac)वैक्सीन दी जा रही हैं. सिनोफॉर्म और सिनोवैक को डब्ल्यूएचओ (WHO) ने आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी भी दे रखी है. चीन ने भी धीरे-धीरे कार्यस्थलों, सार्वजनिक जगहों और कारोबारी प्रतिष्ठानों में बिना वैक्सीन के आने को लेकर पाबंदी लगाना शुरू कर दी है. दोबारा कोरोना के मामले बढ़ने से भी चिंता है. चीन के स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि दूसरे देशों से डेल्टा वैरिएंट के मरीजों के जरिये दोबारा संक्रमण फैला है.
चीन के वुहान के मांस बाजार (Wuhan coronavirus) से ही दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस फैला था, जो बेहद कम वक्त में ही दुनिया भर में महामारी के तौर पर फैल गया. इस महामारी से विश्व में अब तक 50 लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.