नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दावा किया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के बजट पर रोक लगा दी है. यह बजट मंगलवार (21 मार्च) को पेश किया जाना था. इस बजट को लेकर अब केंद्र और दिल्ली सरकार आमने सामने हैं. वहीं, इस बजट से जुड़ी हुई जानकारियां भी लीक हो गई हैं. बजट की ये जानकारी खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दी हैं
सोमवार को केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को झूठा बताते हुए कहा कि दिल्ली का बजट कुल 78800 करोड़ का है. इसमें 22000 करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए जाएंगे. विज्ञापन पर केवल 550 करोड़ रुपये ही खर्च किए जाने हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले साल भी विज्ञापन का बजट इतना ही था. विज्ञापन के बजट में कोई बढोतरी नहीं हुई है.
17 मार्च को भेजी गई थी बजट की फाइल
वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि 17 मार्च को जो फाइल भेजी गई थी. वह आज तक नहीं लौटाई गई है. जबकि दिल्ली के उपराज्यपाल के ऑफिस का कहना है कि गृह मंत्रालय के सुझावों पर फाइल 17 मार्च की रात 9:25 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय से उपराज्यपाल सचिवालय पहुंची. फाइल वापस उसी रात 10:05 पर मुख्यमंत्री को भेज दी गई.
दिल्ली के उपराज्यपाल का यह भी दावा है कि मात्र 40 मिनट के अंदर ही फाइल की औपचारिकता पूरी कर आगे की कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को फाइल भेज दी गई थी.
राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय को भेजी बजट की फाइल
बता दें कि नियम के मुताबिक अगर मुख्यमंत्री और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच किसी भी तरह का मतभेद हो तो ऐसे मामले को राष्ट्रपति के पास रेफर कर दिया जाता है. इस बार के बजट के बारे में जानकारी दी गई है कि राष्ट्रपति कार्यालय ने बजट की फाइल गृह मंत्रालय को भेजी थी.
उसी दिन लौटा दी गई बजट की फाइल: LG ऑफिस
दिल्ली के उपराज्यपाल सचिवालय (एलजी कार्यालय) ने दावा किया कि गृह मंत्रालय ने 17 मार्च को ही अरविंद केजरीवाल को फाइल भेज दी थी. उपराज्यपाल सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक अभी तक फाइल मुख्यमंत्री के पास ही है, लेकिन केजरीवाल सरकार का दावा है कि फाइल 17 मार्च को नहीं बल्कि आज मिली है. इसलिए बजट कल पेश नहीं किया जा सकता है.
दिल्ली के बजट से उपराज्यपाल नहीं थे संतुष्ट
वहीं, दिल्ली के बजट से संबंधित गृह मंत्रालय ने कहा कि बजट के कुछ प्रावधानों को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना संतुष्ट नहीं थे. दिल्ली की जनता की बेहतरी के लिए केजरीवाल सरकार को जल्द ही इस मामले में जवाब देना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल सक्सेना द्वारा दिल्ली सरकार से कुछ सवाल उठाए गए हैं.
उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार से मांगा स्पष्टीकरण
पहला प्वाइंट यह है कि बजट का मात्र 20 प्रतिशत पूंजीगत व्यय पर खर्च करना के प्रस्ताव है. यह राशि दिल्ली जो देश की राजधानी है और एक मेट्रो सिटी भी है. उसके लिए यह पर्याप्त नहीं है. दूसरा प्वाइंट यह है कि केजरीवाल सरकार दो साल में विज्ञापन पर खर्च को दो गुना कर चुकी है. इस पर उपराज्पयपाल वीके सक्सेना ने स्पष्टीकरण मांगा है. तीसरा यह है कि आयुष्मान भारत जैसी अन्य केंद्रीय योजनाओं का लाभ दिल्ली की गरीब जनता को न देने पर भी उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है.