देश में लोकसभा चुनाव की तैयारी बहुत तेजी से चल रही है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही पार्टियां अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रही है. इसी बीचदेश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बीजेपी ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन उन्होनें मना कर दिया. चुनाव न लड़ने की वजह बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए उतने पैसे नहीं हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने का विकल्प दिया था. उन्होनें बताया जिसके बाद वो एक हफ्ते तक सोचने के बाद, अध्यक्ष के पास जवाब देने वापस गई और कहा “शायद नहीं”. वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं चुनाव लड़ने में सक्षम हूं. साथ ही उन्होनें बताया कि मैं पार्टी की बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मेरी लोकसभा चुनाव न लड़ने की बात को मान लिया.
फंड न होने की बताई वजह
जब वित्त मंत्री से पूछा गया कि देश की वित्त मंत्री के पास चुनाव लड़ने के लिए फंड क्यों नहीं है? तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत की संचित निधि (Consolidated Fund) उनकी निजी नहीं है. सीतारमण ने कहा कि मेरा वेतन, मेरी कमाई और मेरी बचत मेरी अपनी है, लेकिन भारत की संचित निधि पर मेरा कोई अधिकार नहीं है.
प्रचार में शामिल रहेंगी
भाजपा ने 19 अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी लोकसभा चुनावों में कई मौजूदा राज्यसभा सदस्यों को मैदान में उतारा है. इनमें पीयूष गोयल, भूपेन्द्र यादव, राजीव चन्द्रशेखर, मनसुख मंडाविया और ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं. सीतारमण कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य हैं. हालांकि चुनाव लड़ने से इंकार करने के बावजूद भी मंत्री ने कहा कि वो अन्य उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगी. उन्होंने कहा, मैं कई मीडिया कार्यक्रमों में भाग लूंगी और उम्मीदवारों के साथ जाऊंगी – जैसे मैं राजीव चंद्रशेखर के प्रचार के लिए जाऊंगी. मैं प्रचार अभियान में रहूंगी.