राजस्थान संकट को लेकर जयपुर से लौटे पर्यवेक्षक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आज अपनी रिपोर्ट सौपेंगे. वहीं कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के नामांकन की आखिरी तारीख यानी 30 सितंबर तक यथास्थिति रहेगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में नामांकन करने की संभावना कम है, 30 सितंबर के बाद कांग्रेस नेतृत्व आगे फैसला करेगा. कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि गहलोत के पक्ष में यह गोलबंदी उनके पार्टी अध्यक्ष बनने की संभावना के कारण हुई.
अशोक गहलोत से आहत हैं सोनिया गांधी
वहीं खबर है कि अशोक गहलोत के इस रुख से सोनिया गांधी बहुत आहत हैं. उन्होंने राजस्थान के प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक खड़गे से कहा- अशोक गहलोत ने ऐसा कैसे कर दिया, गहलोत से यह उम्मीद नहीं थी. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक विधायक दल की बैठक बुलाने से पहले दिल्ली के नेताओं की गहलोत कई बार बात हुई थी. नेता चुनने के लिए सोनिया गांधी को अधिकृत करने वाले प्रस्ताव पर गहलोत तैयार थे लेकिन विधायकों की बगावत के बाद गहलोत ने कहा कि विधायक उनकी भी नहीं सुन रहे. सोमवार दोपहर गहलोत ने खरगे के सामने खेद भी जताया. रविवार शाम विधायक दल की आधिकारिक बैठक के समानांतर बैठक बुलाने वाले कुछ मंत्रियों को को नोटिस जारी किया जाएगा.
देर रात पर्यवेक्षकों ने सोनिया को बताया सारा हाल
कांग्रेस की राजस्थान इकाई में चल रहे संकट के बीच पार्टी के दोनों पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से सोमवार को मुलाकात की. दोनों सीधे जयपुर से दिल्ली पहुंचे और इसके बाद 10 जनपथ पहुंचकर सोनिया से मुलाकात की. कांग्रेस के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद थे. मुलाकात के बाद माकन ने कहा कि रविवार की पूरी बात सोनिया जी को बताई, सोनिया जी ने पूरे घटनाक्रम पर लिखित रिपोर्ट मांगी है. सोमवार तक लिखित रिपोर्ट देंगे. कांग्रेस अध्यक्षा की स्पष्ट राय थी कि प्रत्येक विधायक से चर्चा की जाए. सबसे पहले जो कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम 7 बजे रखी गई थी, वो CM के कहने पर समय और स्थान तय किए गए थे. प्रस्ताव वाली बात की समयसीमा 19 अक्टूवर तक के लिए कहा था, ये कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट है. कभी भी ग्रुप में बात नहीं होती है लेकिन इन्होंने ये शर्त रखी. मैंने सभी को बताया कि जो भी फैसला होगा वो कांग्रेस अध्यक्षा के सामने रखा जाएगा. पूरे हालात को माकन ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
‘गद्दारी करने वालों को पुरस्कार दिया जाए ये बर्दाश्त नहीं’
इस मामले में मंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि ये अशोक गहलोत को सीएम पद से हटाने का षड्यंत्र है. महासचिव सीएम पद से गहलोत का हटाने का षड्यंत्र कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बगावत करने वाले को सीएम बनाने के लिए कांग्रेस संगठन महासचिव आ गए. प्रभारी महासचिव के खिलाफ मेरा चार्ज है वो लगातार सचिन पायलट के लिए विधायकों को कहते थे. हमारे पास इसके सबूत हैं उनके पक्षपात को लेकर. मैं कांग्रेस का वफादार सिपाही हूं. मैं अनुशासित कार्यकर्ता रहा हूं. गद्दारी करने वालों को पुरस्कार दिया जाए बर्दाश्त नहीं. 2020 में राजस्थान कांग्रेस सरकार पर संकट आया था तब सोनिया गांधी ने निर्देश दिए थे कि हर हालत में कांग्रेस सरकार को बचाना है. हम 34 दिनों तक लगातार होटल में रहे. जो सरकार गिराना चाहते थे पीसीसी चीफ और उप-मुख्यमंत्री होते हुए आज उन्हें इनाम देने की तैयारी है.