नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में हुई प्रिंस तेवतिया और टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद गैंगवार की आशंका को देखते हुए तिहाड़ प्रशासन ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक अब जेल में उन तमाम बदमाशों की पहचान की जा रही है. जो किसी न किसी गैंग से जुड़े है. ऐसे बदमाशो को अब अलग अलग किया जा रहा है. तिहाड़ जेल अब इन गैंगस्टर के नेक्सस को तोड़ना चाहता है.
सूत्रों के मुताबिक तिहाड़ जेल में बंद टॉप गैंगस्टर और उसके गुर्गों को मिलकर करीब 1 हजार से ज्यादा गैंग्स से जुड़े कैदी हैं. इनमें वो कैदी शामिल हैं. जो साइलेंट मॉड पर रहते हैं. सूत्रों के मुताबिक कौन सा कैदी किस गैंग का है. इसकी पहचान कर उनकी लिस्ट तैयार की जा रही है. इसके लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की भी तिहाड़ प्रशासन मदद लेगी.
तिहाड़ जेल में इन लोगों को है अपनी जान का खतरा
सूत्रों के मुताबिक टिल्लू ताजपुरिया की हत्या को अंजाम देने वाले आरोपियों समेत तिहाड़ जेल में बंद करीब 35 ऐसे कैदी हैं. जिन्हें गैंग वार के चलते सबसे ज्यादा जान का खतरा है. गैंगस्टर नवीन बाली, गैंगस्टर नीरज बवाना गैंग दूसरी तरफ अशोक प्रधान और लॉरेंस बिश्नोई गैंग मिलकर एक दूसरे के खून के प्यासे हैं. ऐसे में इन करीब 35 कैदियों की सुरक्षा तिहाड़ प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी फुल प्रूफ की गई है.
खूंखार कैदियों के बीच जवानों के तैनाती की चल रही तैयारी
इसके साथ ही तिहाड़ प्रशासन ने जेल के अंदर तैनात सुरक्षाकर्मियों की ट्रांसफर पोस्टिंग करना शुरू कर दिया है. खूंखार कैदियों के बीच ऐसे जवानों को तैनात किए जाने की तैयारी की जा रही है, जोकि शारीरिक रूप से मजबूत और हर परिस्थितियों को संभालने ने सक्षम हो. तिहाड़ प्रशासन सुरक्षा में तैनात जवानों को ऐसी सेल्फ प्रोटेक्शन ड्रेस भी देने का प्लान कर रहा है. जिसपर किसी भी धारदार हथियार का असर ना हो. जैसे कि अगर कोई भी बदमाश धारदार हथियार से सुरक्षाकर्मी पर हमला करता है. तो वो अपना बचाव कर सके या फिर किसी भी तरह की अनहोनी में बीच बचाव करने में पूरी तरह सक्षम हो.
लेकिन तिहाड़ प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती उन हथियारों की रोकथाम है, जिन्हें बदमाश ग्रिल काटकर या फिर पंखे की पंखुड़ियों से बना लेते हैं. फिर वारदात को अंजाम दे देते हैं.
तिहाड़ प्रशाशन चल रहा सर्च ऑपरेशन
धारदार हथियार जिनसे बदमाश बड़ी वारदातों को अंजाम देते हैं. इन हथियारों की रोकथाम के लिए तिहाड़ प्रशासन जेल के अंदर लगातार सर्च ऑपरेशन चलाए हुए है. अगर पिछले 5 महीनों की बात करें तो तिहाड़ प्रशासन ने 637 मोबाइल फोन, 323 धारदार हथियार, 103 पैन ड्राइव और 3550 ग्राम तमाखू बरामद किया है. सूत्रों के मुताबिक अप्रैल के महीने में ही जेल नम्बर 8 में 53 बार चेकिंग की थी. इस दौरान 22 तैयार नुकीले हथियार मिले जबकि करीब 32 हथियारों को नुकीला या धारदार करना बाकी था.