लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को संविधान दिवस के मौके पर केंद्र और राज्य की सरकारों पर संविधान की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी संविधान दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेगी. मीडिया से बातचीत में बसपा प्रमुख ने कहा, ‘आज संविधान दिवस के मौके पर केंद्र और सभी राज्य सरकारें इस बात की गहन समीक्षा करें कि क्या ये सरकारें भारतीय संविधान का पूरी निष्ठा से पालन कर रही हैं. हमारी पार्टी का मानना है कि ये सरकारें संविधान का पालन नहीं कर रही हैं. इसलिए हमारी पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है.’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘केंद्र और राज्य की सरकारों द्वारा संविधान का पालन नहीं किया जा रहा है. ऐसी सरकारों को संविधान दिवस मनाने का नैतिक अधिकार नहीं है, बल्कि ऐसी सरकारों को आज इस मौके पर लोगों से माफी मांगनी चाहिए और अपनी कमी को जल्द दूर करना चाहिए.’ अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हक की बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,
‘संविधान में शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण व अन्य जरूरी सुविधाओं का प्रावधान किया है, लेकिन उसका पूरा लाभ इन वर्गों के लोगों को नहीं मिल पा रहा है, जिससे इन वर्गों के लोग और हमारी पार्टी चिंतित और दुखी है. बसपा की सलाह है कि केंद्र और सभी राज्य सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें.’
राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी से दलितों को सावधान करते हुए मायावती ने कहा, ‘ इन वर्गों के लोगों को खासकर सपा जैसी उन पार्टियों से भी सावधान रहना चाहिए, जिसने एससी-एसटी आरक्षण संबंधी विधेयक संसद में फाड़ दिया था और फिर षड्यंत्र के तहत इसे पारित भी नहीं होने दिया था. ऐसे दल कभी भी इन वर्गों का विकास और उत्थान नहीं कर सकते हैं.’ मायावती ने बलिया जिले के रसड़ा क्षेत्र के विधायक उमाशंकर सिंह को बसपा विधानमंडल दल का नया नेता घोषित किया. गौरतलब है कि विधानसभा में बसपा के विधानमंडल दल के नेता एवं आजमगढ़ की मुबारकपुर विधानसभा सीट से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने बृहस्पतिवार को अपने पद और सदन से इस्तीफा दे दिया.