जीवन में कब क्या हो जाए? कुछ पता नहीं है. आदमी की सोते-सोते मौत हो जा रही है. ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में सामने आया है. जहां साबरमती एक्सप्रेस से सफर कर रहे एक शख्स की सोते समय मौत हो गई. इस दुखद घटना की जानकारी उसके साथ सफर कर रही पत्नी को भी पता नहीं चला. स्लीपर कोच में पत्नी ने मृतक पति के शव के साथ करीब 13 घंटे तक सफर किया. 13 घंटे बाद जब ट्रेन झांसी पहुंची तब उसे पता चला कि उसके पति की मौत हो गई है.
झांसी रेलवे स्टेशन में जीआरपी ने शव को कोच से उतारा. इसके बाद आगे की कार्रवाई की गई. चौंकाने वाली बात तो यह है कि मृतक की पत्नी पूरे 13 घंटे तक उसके साथ सफर करती रही, लेकिन उसे अपने पति की मौत का जरा सा भी पता ही नहीं चला.
सोते समय ही चली गई जान
ये दिल दहला देने वाली घटना अहमदाबाद से अयोध्या जा रही साबरमती एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में घटी. मृतक शख्स का नाम रामकुमार है. वह अपनी पत्नी, छोटे बच्चों और एक दोस्त के साथ सूरत से अयोध्या की यात्रा कर रहा था. इस सफर के दौरान रामकुमार को ट्रेन में नींद आ गई. कई घंटे बाद भी जब वह नहीं उठा तो पास बैठे लोगों को शक हुआ. उसे जगाने की कोशिश की गई. तब तक बहुत देर हो चुकी थी. साथ सफर कर रहे लोगों को पता चला कि रामकुमार की सांसे रुक गई. ट्रेन यात्रा में सोते समय ही उसकी मौत हो गई.
पास बैठी पत्नी को भी पता नहीं चला
मृतक रामकुमार अपनी पत्नी प्रेमा, दो बच्चों और साथी सुरेश यादव के साथ साबरमती एक्सप्रेस के स्लीपर कोच संख्या एस-6 की सीट संख्या 43, 44, 45 पर यात्रा कर रहे थे. रामकुमार मूल रूप से अयोध्या के इनायत नगर स्थित मजलाई गांव के रहने वाले थे. वह सूरत से अयोध्या जाने वाली ट्रेन में बैठा था. उनके दोस्त सुरेश के मुताबिक, यात्रा के दौरान रामकुमार को रात में नींद आ गई. मंगलवार सुबह करीब आठ बजे सुरेश कुमार ने रामकुमार को जगाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं उठा.
ट्रेन में मच जाती अफरा-तफरी
उन्होंने जांच की तो रामकुमार की दिल की धड़कन बंद हो गई. उस वक्त रामकुमार की पत्नी और बच्चे उनके साथ थे, इसलिए सुरेशकुमार ने तुरंत कुछ नहीं कहा. अगर सफर के दौरान ही वह रामकुमार के मरने की जानकारी पत्नी और अन्य यात्रियों को बता देते तो ट्रेन में अफरा-तफरी मच जाती. इसलिए सुरेश यादव ने रामकुमार की मौत के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं दी.
जब ट्रेन रात 8.30 बजे झांसी रेलवे स्टेशन पहुंची तो रेलवे को इस बात की जानकारी दी गई. इसके बाद जीआरपी की मदद से रामकुमार का शव ट्रेन से उतारा गया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
मृतक की दुखी पत्नी ने क्या कहा?
इस घटना के बाद से मृतक रामकुमार की पत्नी और बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. पति की अचानक मौत से उनकी पत्नी प्रेमा भी दुखी हैं. उन्होंने रोते हुए कहा कि हमने उन्हें कई बार जगाया लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा. उसका शरीर गर्म हो रहा था. इसलिए हमें कुछ समझ नहीं आया. हमने उन्हें जगाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे नहीं उठे. हमने सोचा कि वे गहरी नींद में सो रहे हैं, लेकिन वे हमेशा के लिए सो गए.