केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने कई कैबिनेट सहयोगियों के साथ आर्थिक मुद्दों पर चर्चा के लिए आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों और उसके सहयोगी संगठनों के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ बैठक की. संघ के अनुसांगिक संगठनों के साथ एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में हुई इस बैठक में गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के अलावा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव और भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे भी मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का प्रतिनिधित्व इसके संयुक्त महासचिव अरुण कुमार और इसके आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठन जैसे स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ, लघु उद्योग भारती और ग्राहक पंचायत के शीर्ष पदाधिकारियों ने किया. बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के महासचिव (संगठन) बीएल संतोष भी मौजूद थे.
सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान वित्त, श्रम, कपड़ा, सहकारी और भारी उद्योग मंत्रालयों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार के आर्थिक सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत 5 मंत्रालयों और आरएसएस के आर्थिक सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले 5 अनुसांगिक संगठनों के बीच आपसी समन्वय के लिए ये बैठक बुलाई गई थ.
मंत्रियों ने कामकाज की दी जानकारी
बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक, दरअसल संघ से संबद्ध संस्थाओं के लोगों के सामने मोदी सरकार के 5 मंत्रालयों के तरफ 45/50 मिनट के प्रेजेंटेशन दिए गए, जिसमें पिछले 9 सालों के दौरान संबंधित मंत्रालय द्वारा किए गए काम और उपलब्धियों के बारे में विस्तृत और सिलसिलेवार जानकारी दी गई. बाद में सभी मंत्रालयों ने बैठक में दिए अपने पीपीटी के बुलेट पॉइंट्स बैठक में सभी उपस्थित महत्वपूर्ण व्यक्तियों को मुहैया करवाई गई.
मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में संघ के 5 अनुसांगिक संगठनों के लगभग 400/450 महत्वपूर्ण अधिकारी शामिल रहे. इन सभी अधिकारियों के साथ बाद 80/90 के छोटे छोटे ग्रुप में अलग अलग मंत्रियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से अपने अपने मंत्रालयों के कामों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई.
छोटे ग्रुप में चर्चा के दौरान संघ के अनुसांगिक संगठनों के लोगों ने अपने अपने संस्थाओं के जरिए मिली शिकायतों और कमियों को भी केंद्रीय मंत्रियों के सामने रखा. जैसे सहकारिता मंत्रालय के विषयों पर चर्चा के लिए गृहमंत्री अमित शाह के साथ संघ संस्थाओं के पदाधिकारियों की 80/90 की एक टोली, निर्मला सीतारमण के साथ वैसे ही 80/90 लोगों की टोली, पीयूष गोयल, महेंद्र पांडे और भूपेंद्र यादव के साथ भी 80/90 लोगों की टोली बैठकर विषयों को समझने का प्रयास किया.
मोदी सरकार के कामकाज के प्रचार की बनी रणनीति
मिली जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रियों और आरएसएस के बीच समन्वय बैठक में नौकरियों और रोजगार के अवसरों पर भी प्रमुखता से चर्चा हुई. संघ अनुसंगिकों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच की बैठक करीब 8 घंटे तक चली. दोपहर 12 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक लागतार बैठक चली. इस बीच केंद्र सरकार के सभी पांचों मंत्रियों ने लगातार बैठक में बढ़ चढकर हिस्सा लिए और मौजूद सभी प्रश्नों का जवाब देकर संतुष्ट भी किया.
सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को दिनभर चली इस बैठक पर प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय की सीधी निगाह बनी हुई थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संघ के अनुसंगिको की गुरुवार को दिन भर चली बैठक से एक दिन पहले यानी बुधवार की रात को भी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की थी, जिसमें संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल, अरुण कुमार और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश भैयाजी जोशी शामिल हुए थे.
कुल मिलाकर इस बैठक के जरिए केंद्र सरकार के मंत्रियों ने अपने मंत्रालय की उपलब्धियों से संघ के अनुसांगिक संगठनों के लोगों को रूबरू करवाया, साथ ही अपनी शिकायतों से मंत्रियों को भी अवगत करवाया गया. इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि संघ के अनुसांगिक संगठनों में कार्यरत पदाधिकारियों को केंद्र सरकार के मंत्रियों ने समाज में चर्चा का सब्जेक्ट दे दिया, जिसके आधार पर बैठक में मौजूद संघ कार्यकर्ता अपने अपने कार्यक्षेत्र में लोगों के बीच जाकर आसानी से केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज की जमकर प्रचार प्रसार कर सकेंगे.