जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर विपक्षी एकता की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि आबकारी नीति मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के आवास पर सीबीआई द्वारा छापेमारी करना विपक्षी एकता की खामियों को उजागर करता है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर बीजेपी के दुष्प्रचार में शामिल होने का आरोप लगाया है. तृणमूल कांग्रेस और माकपा सहित कई अन्य विपक्षी दलों ने मनीष सिसौदिया के यहां सीबीआई छापेमारी की कड़ी आलोचना की है. मुफ्ती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी अपने हितों से ऊपर नहीं उठ पा रही, जबकि आम आदमी पार्टी एक दुर्जेय प्रतिद्वंदी पार्टी है.
मुफ्ती ने दिल्ली कांग्रेस द्वारा मनीष सिसौदिया के इस्तीफे की मांग का विरोध करते हुए कहा कि भाजपा के प्रचार में कांग्रेस शामिल हो गई है, जबकि मनीष सिसौदिया ईडी के हमले का शिकार हैं. उन्होंने कहा, “दुख की बात है कि कांग्रेस पार्टी के हितों से ऊपर उठने में असमर्थ है. सिसौदिया के ईडी के हमले का शिकार होने के बावजूद कांग्रेस भाजपा के प्रचार में शामिल हो रही है. वह भी ऐसे समय में, जब एजेंसियों को हथियार बनाया जा रहा है. विपक्ष को एक साथ रैली करनी चाहिए थी.”
दिल्ली कांग्रेस ने शनिवार को इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ नारेबाजी भी की थी. सीबीआई के मुकदमे में 15 लोगों को शामिल किया गया है. इस मामले में आबकारी अधिकारियों, शराब कंपनी के अधिकारियों, डीलरों के साथ-साथ अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों पर भी मामला दर्ज किया गया है.
कांग्रेस को दी यह नसीहत
कांग्रेस को नसीहत देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) एक दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी है. जिसने उसे दिल्ली में सत्ता से बेदखल कर दिया था. इसी साल पंजाब में भी हराया. आम आदमी पार्टी अन्य राज्यों में अपना प्रभाव बढ़ा रही है. यह कांग्रेस के लिए एक चुनौती बन गया है. गुजरात और हिमाचल प्रदेश में जगह बनाने के लिए आम आदमी पार्टी कोशिश कर रही है. जहां साल के अंत में चुनाव होने हैं. यही कांग्रेस के लिए चुनौतियां हैं. 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केजरीवाल के बीच की लड़ाई पेश करने के AAP नेताओं के प्रयास कांग्रेस के लिए समस्या बनते दिख रहे हैं. जो भाजपा के खिलाफ मुख्य विपक्षी दल है. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और अलका लांबा उन लोगों में शामिल थे. जिन्होंने शुक्रवार को सीबीआई छापे के बाद आप सरकार पर फटकार लगाई थी.
संदीप दीक्षित और अलका लांबा ने दिया यह बयान
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा था कि आप सरकार की कार्रवाइयों को लेकर सीबीआई के कई छापे होने चाहिए थे. यह आश्चर्य की बात नहीं है. हम पिछले 7-8 वर्षों से दिल्ली सरकार में क्या हो रहा है. इसके बारे में सुन रहे हैं. शराब का मामला हो या स्कूलों में कमरों का निर्माण, शिक्षक भर्ती, नागरिक सुरक्षा भर्ती मामला या ठेके के मामले हों, इनको लेकर एक नहीं बल्कि 10 सीबीआई छापे पड़ने चाहिए थे.
वहीं कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “अगर उनकी नीति सही थी, तो उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रहते हुए शीला दीक्षित की नीति का पालन क्यों किया? आप हमेशा उनके कार्यकाल की आलोचना करती है और अब वे उनकी नीतियों का पालन कर रहे हैं.” कांग्रेस नेता पवन खेरा ने कहा कि “राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ एजेंसियों के निरंतर दुरुपयोग” का दूसरा पहलू यह है कि एजेंसियों की वैध, सही कार्रवाई भी संदेह के घेरे में आती है.
सीबीआई ने यह की थी कार्रवाई
आम आदमी पार्टी सरकार की हाल ही में वापस ली गई आबकारी नीति में कथित घोटाले के सिलसिले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने शुक्रवार को सिसोदिया के आवास और विभिन्न राज्यों में तलाशी ली. सीबीआई ने कहा कि दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, बेंगलुरु सहित 31 ठिकानों पर तलाशी ली गई. इस कार्रवाई में आपत्तिजनक दस्तावेज, लेख और डिजिटल रिकॉर्ड बरामद किये गए हैं.
‘भाजपा सरकार केंद्रीय एजेंसियों से राजनीतिक दलों पर लगा रही है निशाना’
राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनावों के दौरान विपक्षी दल संयुक्त मोर्चा बनाने में सफल नहीं हो पाए थे. जबकि उप-राष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने मतदान से दूरी बना ली. माकपा की वृंदा करात ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा सरकार केंद्रीय एजेंसियों की मदद से विपक्षी राजनीतिक दलों को निशाना बना रही है. कहा, “मनीष सिसोदिया दिल्ली के डिप्टी सीएम हैं. इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. अगर वह आरएसएस या बीजेपी में होते, और उनके सामने झुकते, तो उन्हें हर चीज में क्लीन चिट मिल जाती. सब कुछ सिर्फ राजनीति है. यह पूरे देश में हो रहा है.”
टीएमसी नेता जय प्रकाश मजूमदार ने दिया यह बयान
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता जय प्रकाश मजूमदार ने आलोचना करते हुए कहा कि यह देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मोड़ने का एक और प्रयास है. उन्होंने सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया. कहा कि, “यह देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मोड़ने का एक और प्रयास है. ‘बिहार सिंड्रोम’ के बाद बीजेपी को डर है कि वह 2024 के चुनाव में 220 सीटों को पार नहीं कर पाएगी. इसलिए बीजेपी सत्ता हासिल करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है. जैसा कि उन्होंने महाराष्ट्र में किया था. भाजपा-आरएसएस देश में बहुदलीय व्यवस्था नहीं चाहते हैं.’
महाराष्ट्र के नेता आनंद दुबे और सांसद मनोज झा ने की यह टिप्पणी
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता आनंद दुबे ने कहा कि सीबीआई की छापेमारी कोई नई बात नहीं है. क्योंकि भाजपा ने विपक्षी दलों पर छापेमारी करने का वादा किया है. उन्होंने महाराष्ट्र से शुरुआत की, इसके बाद दूसरे राज्यों में गए. सांसद मनोज झा ने विपक्षी नेताओं से एकजुट होकर राजनीतिक लड़ाई लड़ने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक रूप से राजनीतिक लड़ाई लड़ने और केंद्र को संदेश देने के लिए विपक्षी नेताओं को एकजुट होना होगा. जब एक नेता पर छापा मारा जाता है और वह भाजपा में शामिल हो जाता है तो मामलों की कोई चर्चा नहीं होती है. यह कानून के शासन पर धब्बा है. केंद्रीय एजेंसियों की भविष्यवाणी चिंता का विषय है.‘
सिसौदिया ने दिया खुद की गिरफ्तारी का बयान
सिसोदिया ने शनिवार को दिल्ली में एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि शराब का मुद्दा या आबकारी नीति उन्हें निशाना बनाने का एक बहाना है. क्योंकि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अधीन मंत्री थे. उनके खिलाफ छापेमारी पूरी तरह से राजनीतिक थी. उन्होंने कहा, “हो सकता है कि अगले 3-4 दिनों में सीबीआई-ईडी मुझे गिरफ्तार कर ले.”