हरियाणा के नूंह हिंसा के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि किसी भी तरह की हेट स्पीच और हिंसा नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शन की CCTV फुटेज और विडियोग्राफी कराकर उसको संरक्षित रखने का भी निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बल मुहैया कराने का भी निर्देश दिया. हालांकि दिल्ली-एनसीआर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल के प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना पुलिस का काम है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, हरियाणा, दिल्ली और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. अदालत में मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी. दरअसल, दिल्ली में रहने वाले शाहीन अब्दुल्लाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हरियाणा के नूह हिंसा के बाद दिल्ली NCR में अलग अलग जगहों पर होने वाले विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की थी.
प्रदर्शन के दौरान नहीं हो हेट स्पीच
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस SVN भट्टी की पीठ ने मामले की सुनवाई की. अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि सुप्रीम कोर्ट के 21 अक्तूबर, 2022 के फैसले (हेट स्पीच) के दिशानिर्देशों का अनुपालन करें. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि प्रदर्शन के दौरान किसी भी तरीके से हिंसा और हेट स्पीच को नहीं होनी चाहिए.
अदालत ने निर्देश दिया कि संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त फोर्स भी लगाई जाए. वीडियोग्राफी भी हो या संवेदनशील जगहों पर जहां जरूरत हो सीसीटीवी इंस्टॉल किया जाए. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमको अखबारों से पता चला कि हरियाणा में हिंसा हुई है.
प्रदर्शनों को लेकर सताया डर
वकील सीयू सिंह ने कहा कि नूंह में हिंसा के बाद से हरियाणा में हालात खराब हैं. दिल्ली में 23 जगहों पर प्रदर्शन किया गया है. इससे यहां भी हालात बिगड़ सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आपकी मुख्य मांग क्या है? याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली NCR में 23 प्रदर्शन होने हैं, सुबह में भी कुछ प्रदर्शन हुए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या वहां पर कोई भड़काऊ बयानबाजी हुई है. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा हां भड़काऊ बयानबाजी हुई है. केंद्र सरकार की तरफ से ASG राजू ने कहा कि हमको अभी याचिका की कॉपी मिली है हमने अभी पढ़ा नहीं है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में भी प्रदर्शन होने वाला है.
सुप्रीम कोर्ट ने ASG को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदर्शन के दौरान कोई भड़काऊ बयानबाजी और हिंसा नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने ASG को निर्देश दिया कि वहां पर CCTV लगाया जाए और रिकॉर्डिंग की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना पुलिस का काम है.
क्यों की गई थी प्रदर्शनों पर रोक लगाने की मांग?
याचिका में कहा गया कि हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम के इलाकों में हिंसा के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल दिल्ली-NCR में हरियाणा में हुई हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रही है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका में कहा कि यह रैलियां दिल्ली हरियाणा बॉर्डर, लाजपत नगर, मयूर विहार, मुखर्जीनगर, नरेला, नजफगढ़, तिलक नगर, नांगलोई, अंबेडकरनगर, करोल बाग, हरियाणा के मानेसर और नोएडा के सेक्टर 21A में होनी है.
याचिका में कहा कि नूंह में हिंसा के बाद से हरियाणा में हालात खराब हैं. दिल्ली में 23 जगहों पर प्रदर्शन होता है, तो इससे यहां भी हालात बिगड़ सकते हैं. इसलिए दिल्ली NCR में विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल के प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट को रोक लगानी चाहिए.