दिल्ली: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway) का काम 70% पूरा हो चुका है, केवल 30% ही काम बाकी है. अगले साल 2023 से इस एक्सप्रेस-वे (Expressway) से वाहनों के फर्राटा भर सकेंगे. यह 1350 KM लंबा प्रोजेक्ट करीब 1 लाख करोड़ रुपये का है. ये एक्सप्रेस-वे बनने के बाद दिल्ली-मुंबई के बीच दूरी कम हो जाएगी और यात्रा में समय भी कम लगेगा.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री (Road Transport and Highways Minister) ने नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने आयोजित एक कायर्क्रम दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे की प्रगति की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि मुंबई के नरिमन प्वाइंट्स से दिल्ली के बीच निर्बाध कनेक्टीविटी का सपना पूरा होने जा रहा है. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi Mumbai Expressway) हरियाणा, गुरुग्राम के राजीव चौक से शुरू होकर मेवात, जयपुर कोटा, भोपाल,अहमदाबाद होते हुए मुंबई जाएगा.
अब 20 के बजाए लगेंगे 12 घंटे
सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport) के अनुसार दिल्ली से मुंबई जाने में 20 घंटे के बजाए 12 घंटे ही लगेंगे. इस तरह एक्सप्रेस वे से लोग अपने निजी वाहनों से आसानी से जा सकेंगे. इससे न केवल उनका समय बचेगा, बल्कि लोगों की ट्रेनों और फ्लाइट पर से निर्भरता भी कम होगी.
एक्सप्रेस-वे से 1350 Km दूरी होगी
ऐसे में ट्रेन की बजाय लोग सड़क मार्ग का विकल्प चुन रहे है. मौजूदा समय दिल्ली-मुंबई की सड़क से 1450KM की दूरी है. एक्सप्रेस-वे से यह दूरी घटकर 1350 रह जाएगी. जनवरी 2023 तक यह एक्सप्रेस को तैयार करने का लक्ष्य है. मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) तक बढ़ाया जाएगा.
माल ढुलाई का कम खर्च
1350 KM लंबे एक्सप्रेस-वे शुरू होने के बाद रोजाना 8.76 लाख लीटर और सालाना करीब 320 मिलियन लीटर पेट्रोल की बचत होगी. सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport) के अनुसार इस एक्सप्रेस-वे से माल ढुलाई करने पर खर्च कम आएगा. इस तरह एक्सप्रेस वे और आसपास पड़ने वाले शहरों में लाजिस्टिक खर्च 8 से 9 % की बचत होगी.
12 लेन का होगा हाईवे
नेशलन हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (National Highway Authority of India) की माने तो एक्सप्रेस-वे को इस तरह डिजाइन होगा है कि जरूरत पड़ने पर आसानी से इसे 8 लेन से 12 लेन का किया जा सके. 1350 Km का यह एक्सप्रेस वे 20 KM रिजर्व फारेस्ट से जाएगा. यानी पेड़ों को कम से कम काटना पड़ेगा.