उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों को नजरिया बदल गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में चार बार समाजवादी पार्टी की सरकार थी, लेकिन आज उत्तर प्रदेश को लेकर लोगों का नजरिया बदल गया है. नए भारत का नया उत्तर प्रदेश यही है. उन्होंने कि उनका यूपी आगे बढ़ेगा और आर्थिक प्रगति करेगा. ऐसे में विपक्षी पार्टियों को खुश होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार और पीएम मोदी के मार्गदर्शन में वह एक आम आदमी और एक जनप्रतिनिधि के तौर पर यह कह सकते हैं कि राज्य के प्रति लोगों की धारणा बदल गई है. आज लोग उत्तर प्रदेश को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं.
उन्होंने कहा कि 2016-17 में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी करीब 13 लाख करोड़ रुपये थी. आज 2023-24 में लगभग 24.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है. राज्य का बजट बढा है. उत्तर प्रदेश में देश की कुल आबादी में से 16 फीसदी लोग यहां इस राज्य में रहते हैं. उत्तर प्रदेश आगे बढ़ रहा है. सर्वांगीण विकास के लिए बजट को आगे बढ़ाया जा रहा है.
यूपी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति
योगी ने कहा कि उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करती है. अपराधियों को सजा दिलानें में उत्तर प्रदेश नंबर वन पर है. साल 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति बदहाल थी. साल 2017 से पहले डकैती एवं लूट की प्रायः ही वारदात होती रहती थी. अब माफियाओं के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई होती है. यह सभी को पता है.
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सरकार ने जनता के पैसे लूटा था. सपा सरकार के कारनामे अभी भी यूपी की जनता भूली नहीं है. उनकी सरकार में कानून व्यवस्था का क्या हाल था. यह सभी जानते हैं.अखिलेश ने विधानसभा में गलत आंकड़े दे रहे हैं और वह अपना होमवर्क नहीं करते हैं.
सुरंग से सकुशल वापस लौटे श्रमिकों से की मुलाकात
इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों की सकुशल वापसी के बाद उन श्रमिकों मुलाकात की. योगी ने शुक्रवार को अपने आवास पर इन श्रमिकों से मुलाकात की है.
आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शुक्रवार दोपहर को इन आठ श्रमिकों से अपने आवास पर मुलाकात की. सीएम ने हर श्रमिक से उनकी कुशलता के बारे में जाना और उन्हें शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया एवं उपहार भी दिए.
इन श्रमिकों में श्रावस्ती के अंकित, संतोष, जयप्रकाश, राम सुंदर, राम मिलन, सत्यदेव, लखीमपुर खीरी के मंजीत और मिर्जापुर के अखिलेश कुमार शामिल थे. मजदूरों ने उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी. सभी साथी एक-दूसरे का हौंसला बढ़ाते रहे. उन्हें यकीन था कि वे जरूरत बाहर आएंगे.