दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कश्मीर घाटी से गिरफ्तार पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह के मामले को एनआईए को सौंपे जाने को लेकर शुक्रवार को सवाल किया कि आखिर कौन इस ‘आतंकी’ को चुप कराना चाहता है। गांधी ने ट्वीट किया, ‘आतंकी डीएसपी दविंदर को खामोश करने का सबसे अच्छा तरीका है कि मामले को एनआईए के हवाले कर दिया जाए।’ उन्होंने दावा किया, ‘एनआईए का नेतृत्व एक और मोदी-वाईके कर रहे हैं जिन्होंने गुजरात दंगों और हरेन पंड्या की हत्या की जांच की थी। वाईके की देखरेख में यह मामला खत्म होने की तरह है।’
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, कौन आतंकी दविंदर को खामोश करना चाहता है और क्यों चाहता है? राहुल गांधी ने गुरुवार को सवाल किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल खामोश क्यों हैं? उन्होंने यह भी कहा था कि दविंदर के खिलाफ त्वरित अदालत में मुकदमा चलना चाहिए और दोषी पाए जाने पर उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी देविंदर सिंह को लेकर कई सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि यह मामला देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। भारत पर हमला करने वाले आतंकियों की मदद करना देशद्रोह है। इसके लिए बड़े स्तर पर जांच होनी चाहिए।
प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ‘डीएसपी दविंदर सिंह की जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तारी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह बहुत अजीब लगता है कि मौजूदा परिस्थितियों में जम्मू और कश्मीर के लिए विदेशी दूतों को एस्कॉर्ट करने जैसी अत्यंत संवेदनशील जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी। मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए।’