‘रायबरेली और अमेठी हमारे लिए सिर्फ चुनाव क्षेत्र नहीं, हमारी कर्मभूमि है, जिसका कोना कोना पीढ़ियों की यादें संजोए हुए है’… ये महज अल्फाज नहीं बल्कि ये एक अहसास है, जिसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा है’. रायबरेली जिसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, जहां की जमीन से कांग्रेस का सालों पुराना रिश्ता है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बार रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ रही हैं, उनकी जगह उनके बेटे राहुल गांधी यहां से चुनावी मैदान में उतरे हैं.
कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें राहुल अपनी मां सोनिया गांधी के साथ रायबरेली की पुरानी यादों को ताजा कर रहे हैं. दोनों मां-बेटे एक किताब देख रहे हैं, जिसमें कई अनदेखी तस्वीरें हैं. इस किताब के कवर पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तस्वीर है. इन पुरानी यादों को देखकर इमोशनल होना लाजमी है. वीडियो में सोनिया राहुल को तस्वीरों के बारे में बताती नजर आ रहीं हैं.
‘अमेठी और रायबरेली जब भी पुकारेंगे, हम वहां मिलेंगे’
इस वीडियो को शेयर करते हुए राहुल ने लिखा, ‘मां के साथ पुरानी तस्वीरें देखकर पापा और दादी की याद भी आ गयी, जिनकी शुरू की गयी सेवा की परंपरा मैंने और मां ने आगे बढ़ाई. प्रेम और विश्वास की बुनियाद पर खड़े 100 वर्षों से भी पुराने इस रिश्ते ने हमें सब कुछ दिया है. अमेठी और रायबरेली जब भी हमें पुकारेंगे, हम वहां मिलेंगे‘… राजनीति से इतर अगर इस वीडियों को देखें तो ऐसी कई तस्वीरें हैं जिन्हें देखकर गांधी परिवार का रायबरेली में काम, वहां की जनता से उनके रिश्ते के बारे में पता चलता है.
‘मेडिकल कैंप में जाती थीं सोनिया’
राहुल अपनी मां से सवाल करते हैं कि वो पहली बार रायबरेली कब गईं. इसके जवाब में सोनिया बताती हैं कि उन्होंने रायबरेली में 1981-82 में काम करना शुरू किया. वो वहां मेडिकल कैंप में जाती थीं. जहां दिल्ली के डॉक्टर भी मदद के लिए आते थे.
‘अमेठी और रायबरेली 100 सालों का रिश्ता’
राहुल कहते हैं कि अमेठी और रायबरेली से उनके परिवार का 100 सालों का रिश्ता है. सोनिया बताती हैं कि 1921 से पंडित जी (जवाहर लाल नेहरू) ने वहां से राजनीतिक जीवन शुरू किया था. सोनिया रायबरेली में कांग्रेस की शुरुआत के दिनों के बारे में बताती हैं. साथ ही ये भी बताती हैं कि राहुल के दादा फिरोज गांधी वहां से सांसद थे.
वीडियो में राहुल बताते हैं कि उनके परदादा ने अपनी राजनीति रायबरेली में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन से शुरू की थी. सोनिया बताती हैं कि नेहरू जी के देहांत के बाद राहुल की दादी (इंदिरा गांधी) ने उस क्षेत्र को संभाला. आगे राहुल बताते हैं कि जब वो अमेठी से सांसद थे तब रायबरेली के ITI के लोग आए थे क्योंकि ITI को बाजपेयी जी की सरकार बंद कर रही थी. उस दौरान लोगों ने राहुल से कहा कि उनकी नौकरी और भविष्य का सवाल है. ऐसे में काफी कोशिश करके उसे बचाया.
हर सुख-दुख में रायबरेली पहुंचीं
आगे सोनिया बताती हैं कि वो रायबरेली जाती थीं और लोगों से मिलती थीं. लोगों से मिलते हुए उनकी तस्वीर भी वीडियो में दिख रही है. बाढ़, सूखा, शादी, देहांत हर मौके पर वो रायबरेली के लोगों के साथ खड़ी रहीं. सोनिया कहती हैं कि रायबरेली के लोगों ने उन्हें दिल से स्वीकार किया. वहां के लोगों के साथ उनकी बहु और बेटी वाला रिश्ता है.
‘पापा ने रायबरेली में काफी काम किया’
वीडियो में राहुल बताते हैं कि 1982 में उनके पिता ने रायबरेली में काफी काम किया. वहां का बहुत विकास किया. यही वजह थी कि विकास के मामले में रायबरेली अमेठी से काफी आगे निकल गया था. जिसके बाद कांग्रेस ने अमेठी के विकास पर जोर दिया और वहां कई प्रोजेक्ट पर काम किया. वहां सड़कें बनवाई, महिलाओं के उत्थान के लिए काम किया.उन्हें बैंक अकाउंट से जोड़ा जिससे उनकी जिंदगी बदल गई. इसके साथ ही इंस्टीट्यूट पर काम किया.
दादी और मां के काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं राहुल
राहुल ने बताया कि वो अमेठी में फूड पार्क ला रहे थे. जिससे अमेठी और रायबरेली दोनों ही पूरी तरह से बदल जाती. इसके तहत अमेठी में 40 अलग-अलग कारखाने लाए जा रहे थे. लेकिन बीजेपी की सरकार ने उनके इस प्रोजेक्ट को रोक दिया. उन्होंने बताया कि यही प्लान अब उनका रायबरेली के लिए भी है. वो देशभर से रायबरेली को जोड़ना चाहते हैं. राहुल ने कहा कि रायबरेली में जो काम उनकी दादी और मां ने किया वो उसे आगे बढ़ाना चाहते हैं.
‘रायबरेली और अमेठी सब कुछ दिया’
कांग्रेस उम्मीदवार ने बताया कि रायबरेली के लोगों के साथ उनका दोस्ती और प्यार का रिश्ता है. जैसा उनका मां और बहन के साथ रिश्ता है ठीक वैसा ही वहां के लोगों के साथ भी है. इसके साथ ही राहुल ने कहा कि उन्हें वहां का खाना भी बहुत पसंद है. खासतौर पर अरहर की दाल, उन्होंने कहा कि शायद पूरी दुनिया में वैसी दाल कहीं नहीं मिलती. राहुल ने कहा कि उनके लिए रायबरेली और अमेठी एक ही हैं. इन दोनों ही जगहों ने उनके परिवार को सब कुछ दिया है. उन्होंने कहा कि जब भी रायबरेली और अमेठी को उनकी जरूरत होगी हम वहां मिलेंगे.
रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं राहुल गांधी
ये वीडियो भले ही लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शेयर किया गया हो, लेकिन इसे देखकर एक बात साफ समझ आती है कि अमेठी और रायबरेली को कांग्रेस का दुर्ग ऐसे ही नहीं कहा जाता. इस बार राहुल रायबरेली से अपनी मां की जगह चुनाव लड़ रहे हैं. उनके कंधों पर अपने गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी है. परदादा, दादा, दादी, पिता और मां के बाद अब वो इस जगह का जिम्मा उठा रहे हैं. नतीजा क्या होगा, किसी को नहीं पता. लेकिन इन तस्वीरों को देखकर ये जरूर पता चलता है कि रायबरेली से कांग्रेस का रिश्ता वाकई खास है.