भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनके सार्वजनिक बयानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में की गई टिप्पणियों पर एक सलाह जारी की है. सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि चुनाव आयोग का बयान पीएम मोदी पर उनके तंज के बाद आया है. चुनाव आयोग ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश और उनके जवाब सहित प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणियों से संबंधित मामले में सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद राहुल गांधी को भविष्य में अधिक सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी है.
1 मार्च की सलाह में चुनाव आयोग ने चेतावनी दी थी कि आदर्श आचार संहिता के किसी भी उल्लंघन के लिए पार्टियों, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों के खिलाफ ‘नैतिक निंदा’ के साथ-साथ कड़ी कार्रवाई होगी.
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि जिन स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को पहले नोटिस मिला है, उन्हें आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन के लिए कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
राहुल गांधी के खिलाफ जारी किया था नोटिस
पिछले साल चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया था क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया था. राहुल गांधी ने राजस्थान चुनाव से पहले अपने चुनावी भाषण के दौरान मोदी पर असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हुए आरोप लगाया था कि मोदी लोगों का ध्यान भटका रहे हैं. घटना के बाद, चुनाव आयोग ने गांधी को उनकी टिप्पणियों पर कारण बताओ नोटिस जारी किया और जवाब मांगा था.
21 दिसंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आयोग से इन टिप्पणियों के लिए गांधी को जारी किए गए नोटिस पर निर्णय लेने के लिए भी कहा था, जिसमें कहा गया था कि नवंबर 2023 में दिए गए भाषण के दौरान कांग्रेस नेता द्वारा दिया गया बयान “अच्छे स्वाद में नहीं था.”
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को चेताया
एक सूत्र ने कहा, “अदालत के आदेश और राहुल गांधी के जवाब चुनाव आयोग ने संबंधित मामले में सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद, भविष्य में अधिक सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी है.”
राहुल गांधी को अपने कारण बताओ नोटिस में चुनाव आयोग ने कहा कि असंसदीय शब्द पहली नजर में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(2) (भ्रष्ट प्रथाओं से निपटना) के तहत निषिद्ध है. इसमें आदर्श आचार संहिता का भी हवाला दिया गया, जिसके तहत पार्टियों और उम्मीदवारों को “असत्यापित आरोपों या विरूपण के आधार पर” अन्य पार्टियों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए.
भाजपा ने चुानव आयोग से एक शिकायत की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आपने 22 नवंबर 2023 को बायतु, जिला बाड़मेर, राजस्थान में एक सार्वजनिक बैठक में प्रधानमंत्री के बारे असंसदीय बातें कहीं. नवंबर 2023 के नोटिस में कहा गया है कि यह आरोप लगाया गया है कि असंसदीय शब्द का इस्तेमाल करना एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के बहुत वरिष्ठ नेता के लिए अशोभनीय है.