संसद से लेकर सड़क तक महंगाई इन दिनों हर जगह मुद्दा बनी हुई है. बढ़ती महंगाई आम लोगों की जेबों पर भारी पड़ रही है. लोग क्या खाएं-दालें महंगी, अनाज महंगे, तेल महंगे और सब्जियों और फलों ने भी मुंह का स्वाद बिगाड़ दिया है. संसद में टीएमसी सांसद कोकिला घोष ने कच्चा बैगन खाकर बढ़ती महंगाई के खिलाफ विरोध जताया तो वहीं आम लोगों को भी सब्जियों और फलों के लिए अब ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं जिससे किचन का बजट भी बिगड़ रहा है.
फलों और सब्जियों के बढ़ते दाम का आम लोगों पर क्या हो रहा है असर, इस पर एबीपी की टीम ने पड़ताल की. दिल्ली की आजादपुर सब्जी और फल मंडी में सब्जियों और फलों के क्या भाव हैं. इसपर एक महिला खरीदार ने बताया कि खुदरा और थोक के रेट में काफी ज्यादा अंतर होता है. थोक में सब्जी खरीदने से कुछ पैसों की बचत होती है.
थोक बाजार में सब्जियों के भाव
- आलू- 17 रुपये किलो
- प्याज- 24 रुपये किलो
- शिमला मिर्च- 110 रुपये किलो
- घीया- 40 रुपये किलो
- नींबू- 60 रुपये किलो
खुदरा भाव में सब्जियों में 2-4 रुपये का ही फर्क बताया गया.
आजादपुर मंडी में फलों के दाम
- सेब 30 से 50 रुपये किलो
- आम 60 रुपये किलो
- अनार 40 रुपये किलो
लक्ष्मी नगर मार्केट में सब्जियों-फलों का रेट
दिल्ली के लक्ष्मी नगर मार्केट में कुछ लोगों से और दुकानदारों से बात करने पर पता चला कि सब्जियों और फलों के दाम इतने ज्यादा बढ़ गए हैं कि पहले जो चीज ज्यादा खरीदते थे वही चीज अब आधा भी नहीं खरीद पाते. न सिर्फ सब्जियां बल्कि फलों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. ऐसे में घर चलाना और बजट मैनेज करना बहुत मुश्किल हो जाता है.
लक्ष्मी नगर मार्केट के एक दुकानदार ने बताया कि अब तो अपना खुद का खर्चा निकालना मुश्किल हो जाता है. ग्राहक आते ही नहीं, इतनी महंगाई है कहां से आएंगे. जो खरीद कर लाते हैं वह भी दिन भर में बिकेगा कि नहीं इसका पता नहीं.
महिला ग्राहक ने बताया कि फलों के दाम बहुत बढ़ गए हैं. पहले के मुकाबले दोगुने हो गए हैं. मजबूरी है खाना भी तो जरूरी है. दूसरे ग्राहक ने बताया कि जितने फल पहले खरीदा करता था अब उसका आधा भी नहीं खरीदता. महंगाई बहुत ज्यादा है ऐसे में किसी तरह घर चलाना पड़ता है.
लक्ष्मीनगर मार्केट में फल के दाम
- सेब 120 से 140 रुपये किलो
- आम 160 रुपये किलो
- अनार 140 रुपये किलो
मयूर विहार के सब्जी मार्केट के बाहर एक भी ग्राहक नजर नहीं आया. दुकानदारों ने बताया कि सब्जियों के दाम इतने ज्यादा हैं कि लोग अब किसी तरह काम चला रहे हैं. जितने ग्राहक पहले आते थे अब तो उसके आधे भी नहीं आते हैं. लोगों के पास इतने पैसे नहीं कि इतनी महंगी सब्जी खिराद पाएं. हमारा खुद का भी खर्चा निकालना मुश्किल हो जाता है.
एक दुकानदार ने बताया कि हर साल मॉनसून में सब्जियों के दाम ऐसे ही बढ़ जाते हैं. कारण है बारिश का सही समय पर नहीं होना या ज्यादा होना. मॉनसून में केवल कुछ ही किसान सब्जियों उगा पाते हैं क्योंकि मिट्टी की जो परत है वह नीचे धंस जाती है. ऐसे में सब्जियों की आवक कम हो जाती है और दाम बढ़ जाते हैं. जो सब्जियां आती हैं वह गली हुई सड़ी हुई और खराब होती है. जो नहीं बिकती.
मयूर विहार मार्केट में सब्जियों के दाम
- आलू 35 रुपये किलो
- प्याज 40 रुपये किलो
- टमाटर 80 रुपये किलो
- घीया 80 रुपये किलो
फलों और सब्जियों के बढ़ते दाम से न केवल ग्राहक बल्कि दुकानदार भी उतने ही परेशान हैं. दुकानदार ग्राहक न होने की वजह से परेशान हैं और महंगी सब्जी होने की वजह से ग्राहक परेशान हैं. .