नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट से आबकारी नीति केस में जमानत भले न मिली हो लेकिन थोड़ी राहत जरूर मिल गई है. कोर्ट ने उन्हें कल यानी 3 जून को पुलिस कस्टडी में कुछ समय के लिए अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत दे दी है. हालांकि कोर्ट का सख्त निर्देश है कि मनीष सिसोदिया इस दौरान न ही मोबाइल फोन का इस्तामाल कर सकते हैं और न ही इंटरनेट चला सकते हैं.
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम ने सीबीआई और ईडी, दोनों केस से अंतरिम जमानत की याचिका कोर्ट में लगाई थी. जमानत के लिए उन्होंने अपनी बीमार पत्नी की खराब तबीयत का हवाला दिया था. इस दौरान सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. वहीं उन्हें 3 जून को उनकी पत्नी से मिलने की इजाजत देते हुए अंतरिम राहत दे दी.
सुबह 10 से शाम 5 तक की राहत
दिल्ली की नई आबकारी नीति मामले में सलाखों के पीछे कैद सिसोदिया को राहत देते हुए कोर्ट ने कहा कि वो सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक अपनी पत्नी से मिल सकते हैं. मनीष सिसोदिया ने ही अपनी याचिका में कल कुछ घंटों के लिए अंतरिम राहत देने की मांग की थी. कोर्ट ने राहत तो दे दी, लेकिन साथ ही सिसोदिया के सामने शर्त भी रख दी हैं. कोर्ट का कहना है कि मनीष सिसोदिया अंतरिम राहत के दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखेंगे और किसी भी तरह की बात मीडिया से नहीं करेंगे.
पुलिस कस्टडी में अपनी पत्नी से मुलाकात के दौरान भी सिसोदिया को परिवार के सदस्यों के अलावा किसी से भी बात करने की इजाजत नहीं होगी. इस दौरान वो मोबाइल फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते. साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट भी कल यानी 3 जून की शाम तक जमा करने के लिए कहा है.
ED ने किया सिसोदिया की याचिका का विरोध
सिसोदिय की इस याचिका का प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से विरोध किया गया था. ED की तरफ से एएसजी एसवी राजू का कहना था कि सिसोदिया जब मंत्री थे तब उनके पास 18 विभाग थे और उनके पास अपनी पत्नी से मिलने का समय नहीं था. अब वो इसे कारण बनाते हुए जमानत मांग रहे हैं. ED के वकील ने कोर्ट से कहा था कि वो पुलिस एस्कॉर्ट में अपनी पत्नी से मिल सकते हैं.