नई दिल्ली. ब्रिटेन में राहुल गांधी द्वारा दिए बयानों को लेकर उनकी निंदा किए जाने पर कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए सवाल किया कि प्रधानमंत्री की नीतियों की आलोचना करना देश की आलोचना करना कब से हो गया. विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया कि ‘लोकतंत्र पर हमला’ प्रधानमंत्री करते हैं और इसीलिए इस पर चर्चा हो रही है.
प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना लंदन में की गई भारतीय लोकतंत्र के खतरे में होने संबंधी कांग्रेस नेता की टिप्पणी का जिक्र करते हुए इसे 12वीं शताब्दी के समाज सुधारक बसवेश्वर, कर्नाटक के लोगों, भारत की महान परंपराओं और यहां के नागरिकों का अपमान बताया. मोदी इस साल कर्नाटक के अपने छठे दौरे पर हैं, जहां मई में विधानसभा चुनाव होने हैं.
मोदी ने कहा, ‘लंदन में बसवेश्वर की प्रतिमा है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उसी लंदन में भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाए गए. भारत के लोकतंत्र की जड़ें हमारे सदियों के इतिहास से पोषित हैं. भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को इस दुनिया की कोई ताकत नुकसान नहीं पहुंचा सकती. इसके बावजूद कुछ लोग इसे लगातार कठघरे में खड़ा कर रहे हैं.’
मोदी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस देश के बुजुर्गों और पूर्वजों को ‘अपशब्द कहने’ में नौ साल ‘गंवा’ दिए. खेड़ा ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘जब आप (प्रधानमंत्री) बोलते हैं कि पिछले 70 साल में कुछ नहीं हुआ, तब आप तीन पीढ़ियों का अपमान करते हैं, तब आपको देश की छवि की चिंता नहीं होती. जब आप संसद में खड़े होकर यह कहकर अपनी पीठ थपथपाते हैं कि एक अकेला सब पर भारी, तब भी विश्व देख रहा होता है और हंस भी रहा होता है.’
उन्होंने कहा, ‘जब आप छुईमुई बनकर देश के मीडिया को लाल आंखें दिखाते हैं, विदेश की मीडिया के खिलाफ छापेमारी करते हैं, तब आपको देश की छवि की चिंता नहीं होती.’ खेड़ा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने विदेश में कहा था कि लोग भारत में पैदा होना दुर्भाग्यपूर्ण मानते थे. उन्होंने सवाल किया कि क्या उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि वह देश की छवि के साथ क्या कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी, लोकतंत्र पर हमले आप करते हैं, इसलिए इस पर चर्चा होती है. यदि लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियों पर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच चर्चा हो रही हो, तो यह लोकतंत्र को मजबूत करने की कवायद है.’
उन्होंने कहा, ‘आपने अपने विषय में कुछ गलतफहमियां पाली हुई हैं. आप केवल प्रधानमंत्री हैं, आप भगवान नहीं हैं, आप सृष्टिकर्ता नहीं हैं, सूरज आपकी अनुमति से नहीं उगता है… ये गलतफहमियां अपने मन से निकाल लीजिए.’ खेड़ा ने बाद में ट्वीट किया, ‘आपकी नीतियों की निंदा कब से देश की निंदा हो गई? आप सिर्फ एक प्रधानमंत्री हैं, ना आप देश हैं, ना भगवान हैं और ना ही सृष्टिकर्ता हैं.’ कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री की तरह बात करनी चाहिए.