भुनेश्वर: ओडिशा के बारगढ़ जिले के बरपाली में खुदाई के दौरान 2000 साल पुरानी कलाकृतियां बरामद की गईं, जो मौर्योत्तर काल की सभ्यता को उजागर करती हैं. बरपाली में असुरगढ़ के सांस्कृतिक क्रम का पता लगाने के उद्देश्य से गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की ओर से 31 मई को स्थल पर खुदाई शुरू की गई थी. खुदाई में लगभग 60 छात्रों ने भाग लिया था.
खुदाई स्थल 17 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फैला है. सहायक प्रोफेसर अतुल प्रधान ने कहा कि इसमें दो खंदक और तीन प्रवेश द्वार वाले दो किले मिले हैं. उन्होंने कहा कि उत्खनन और बरामद कलाकृतियों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि यह बस्ती मौर्योत्तर काल के बाद की एक शहरी बस्ती थी, जो लगभग 2,000 साल पुरानी है.
खुदाई के दौरान मिले सिक्के और मुहरें
खुदाई के दौरान प्राचीन कलाकृतियां जैसे सिक्के, मुहरें, लोहे के हथियार और खंडित टेराकोटा की मूर्तियां पाई गईं. बड़ी संख्या में घुंडीदार बर्तन मिले, जो प्रारंभिक शहरीकरण की एक अनूठी विशेषता होने के साथ व्यापार और वाणिज्य के प्रतीक हैं. खुदाई में एक लोहा गलाने वाला चूल्हा भी मिला.
कीमती पत्थरों के साथ मिले सैडल क्वार्न्स
अतुल प्रधान के अनुसार खुदाई के दौरान कई अन्य प्रकार के महत्वपूर्ण पुरावशेष मिले हैं, जिसमें एक खंडित क्रूसिबल, सैडल क्वार्न्स, माइक्रोलिथिक्स, एरोहेड्स, पॉलिश किए गए पत्थर और कीमती पत्थरों के मोती मिले हैं. अतुल प्रधान के अनुसार यह चीजें सतह से सिर्फ एक मीटर की खुदाई के दौरान ही मिल गई हैं.
मानसून के बाद फिर होगी खुदाई
अतुल प्रधान का कहना है कि फिलहाल रविवार के दिन से खुदाई (Excavation) बंद कर दी गई है. ऐसा मानसून (Mansoon) को देखते हुए किया गया है. फिलहाल मानसून के बाद एक बार फिर से खुदाई करने की योजना बनाई जाएगी. उनका कहना है कि उन्हें इस खुदाई से मौर्यकाल के बाद के समय के बारे में जानकारी मिल सकती है.