देशभर में पिछले साल 19 महानगरों में से दिल्ली में अपहरण के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हत्या के मामलों में मामूली कमी दर्ज की गयी. दिल्ली में 2021 में हत्या के 454 मामले जबकि 2020 में 461 और 2019 में 500 मामले आए थे.
आंकड़ों के अनुसार, 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में दर्ज किए गए हत्या के ज्यादातर मामले विभिन्न विवादों का नतीजा थे, जिनमें संपत्ति और परिवार से जुड़े विवाद शामिल हैं. हत्या के 23 मामलों में प्रेम प्रसंग के कारण खूनखराबा हुआ और 12 हत्याएं अवैध संबंधों के कारण हुई.इसके अनुसार, इनमें 87 हत्याओं के पीछे निजी दुश्मनी वजह थी जबकि 10 हत्याएं निजी फायदे के कारण की गयी.
दहेज, जादू टोने, बाल/नर बलि से किसी की हत्या नहीं हुई
राष्ट्रीय राजधानी में दहेज, जादू टोने, धार्मिक या जाति की वजहों से कोई हत्या नहीं हुई. राष्ट्रीय राजधानी में 2020 में अपहरण के सबसे अधिक 5,475 मामले सामने आए थे जबकि पिछले साल 4,011 मामले सामने आए. आंकड़ों के मुताबिक, पुलिस 5,274 अपहृत लोगों को बचा पायी, जिनमें 3,689 महिलाएं शामिल हैं. अपहृत किए गए 17 लोग मृत पाए गए, जिनमें आठ महिलाएं भी शामिल हैं.
एनसीआरबी क्या है?
साल 1986 में एनसीआरबी की स्थापना हुई थी और केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करता है, इसका उद्देश्य पुलिस में कानून व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बनाया गया था. ब्यूरो क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट, देश में कितनी आत्महत्या और आकस्मिक मृत्यु, भारत में कितने बच्चे और महिला लापता है को लेकर समय-समय पर रिपोर्ट जारी करता है.
एनसीआरबी डाटा से पता चलता कि देश में कितना अपराध बढ़ रहे या घट रहे हैं. इससे जानकारी मिलती है कि भारत के किस राज्य में अपराध में कमी या बढ़ोतरी दर्ज की गई है. क्राइम इन इंडिया की रिपोर्ट 2020 के मुताबिक सांप्रदायिक दंगों में साल 2019 की तुलना में 96 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज हुई थी.