राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी आलाकमान ने तगड़ा झटका दिया है. गहलोत ने सचिन पायलट को अनुशासन में रहने की चेतावनी दी थी, लेकिन अब पार्टी ने साफ कर दिया है कि सचिन पायलट तो अनुशासन में ही हैं. पार्टी ने गहलोत द्वारा सचिन पायलट पर तंज कसने को भी गंभीरता से लिया है. कहा है कि अभी राजस्थान का मसला सुलझा नहीं है. इसलिए गहलोत को खुद भी अनुशासन में रहना चाहिए. पार्टी के इस रुख से पायलट गुट एक बार फिर से पूरे फार्म में आता दिख रहा है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक आलाकमान ने राजस्थान का भविष्य तय कर लिया है. लेकिन सरकार गिरने की आशंका के चलते इस फैसले पर अमल नहीं हो रहा. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान इस मसले के पटाक्षेप के लिए सही वक्त का इंतजार कर रहा है. ऐसे में पार्टी का यह रुख गहलोत गुट के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है. बता दें कि हाल ही में सचिन ने गुलाम नबी आजाद से गहलोत की तुलना की थी. कहा था कि मोदी ने गुलाम नबी की सराहना की थी, वह पार्टी छोड़ गए. अब मोदी ने गहलोत को सराहा है. इसी के साथ उन्होंने राजस्थान कांग्रेस के तीन विधायकों को दिए गए नोटिस पर भी कार्रवाई की मांग की थी. इसके जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को अनुशासन के दायरे में रहने की सलाह दी थी.
दोनों गुटों में तल्खी चरम पर
मानगढ़ में एक मंच पर मोदी-गहलोत के आने और एक दूसरे की तारीफ करने के बाद राजस्थान में सियासी बवंडर फिर शुरू हो गया है. पायलट और गहलोत में तीखी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. सचिन पायलट ने गहलोत की तुलना गुलाम नबी से की. कहा कि ‘मोदी ने गुलाम नबी आजाद की भी तारीफ की थी, आगे क्या हुआ सबको पता है. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सामने आए. कहा कि पार्टी के भीतर कोई चुनौती नहीं है. राजनीति में थोड़ा-बहुत एंबिशन हर आदमी का होता ही है. इसी के साथ उन्होंने पायलट को अनुशासन के दायरे में रहने की सलाह दे डाली थी. कहा था महत्वाकांक्षा रहनी चाहिए लेकिन इसके लिए अप्रोच भी सही होना चाहिए.
गुटबाजी है, लेकिन सरकार कांग्रेस की बनेगी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकार किया कि कांग्रेस में गुटबाजी है. लेकिन झगड़े कहां नहीं होते. झगड़े हर पार्टी में होते हैं. बावजूद इसके राजस्थान में फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल तो हवा हवाई है, लेकिन राजस्थान सरकार के फैसले देश में ऐतिहासिक रहे हैं. उन्होंने कि गुजरात में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. इसमें भारी एंटी इनकंबेंसी है.