कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इर्द-गिर्द राजनीतिक माहौल गर्म है. उन्हें 2019 के मोदी सरनेम वाले केस में सूरत सेशन कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया. राहुल की संसद की सदस्यता रद्द करने के लिए सेशन कोर्ट का उनको दोषी करार देना ही काफी है. अगर कोर्ट के फैसले पर जल्द रोक नहीं लगाई जाती है तो उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है. अगर पिछले मामलों पर गौर करें तो पता चलता है कि इस लिस्ट में कई नाम हैं, जो कोर्ट द्वारा दोषी पाए जाने के बाद संसद से बाहर कर दिए गए.
मोहम्मद फैजल- हत्या की कोशिश का केस
इसी साल 13 जनवरी को लक्षद्वीप से सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. वह हत्या की कोशिशों के एक मामले में लक्षद्वीप सेशन कोर्ट द्वारा दोषी पाए गए थे. कोर्ट के फैसले के महज दो दिनों बाद ही लोकसभा सेक्रिटेरियट ने एक नोटिफिकेशन जारी कर उन्हें संसद से बाहर का रास्ता दिखा दिया. हालांकि, बाद में केरल हाई कोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. सदस्यता रद्द किए जाने के बाद चुनाव आयोग ने यहां 27 फरवरी को उपचुनाव कराया.
आजम खान- 2019 हेट स्पीच केस
दोषी करार दिए जाने के बाद सदन से बाहर किए जाने वाले नेताओं में आजम खान भी शामिल हैं, जो 27 अक्टूबर 2022 को 2019 हेट-स्पीच केस में दोषी पाए गए थे. समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे आजम खान को रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट के एडिश्नल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट निशांत मोहन ने दोषी पाया था और तीन साल जेल की सजा सुनाई थी. इसके एक दिन बाद ही यूपी विधानसभा सेक्रिटेरियट ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी. बाद में उन्हें जेल भी जाना पड़ा. इतना ही नहीं आजम के खिलाफ दर्जनों और केस दर्ज थे, जिसमें अलग-अलग फैसले में वह दोषी करार दिए गए. आजम खान रामपुर से विधायक थे.
लालू प्रसाद यादव- चारा घोटाला केस
सदस्यता गंवाने वाले नेताओं की लिस्ट में लालू यादव भी शामिल हैं, जो सैकड़ों करोड़ रुपए के चारा घोटाला केस में दोषी पाए गए थे. राष्ट्रीय जनता दल के चीफ लालू यादव को रांची में एक सीबीआई कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2013 को दोषी पाया था. उनपर चारा घोटाला केस में कई एफआईआर दर्ज थे. दोषी पाए जाने के बाद 2 अक्टूबर को जारी एक संसदीय नोटिफिकेशन में उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी. लालू यादव बिहार के सारन से लोकसभा सांसद थे.