मोदी सरकार 3.0 का आगाज हो चुका है. मंत्रियों को उनके मंत्रालय बांटे जा चुके हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कार्यभार संभाल लिया है. पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में इस बार भी विदेश नीति पर खासा फोकस होगा, जिसकी झलक उन्होंने अपने शपथग्रहण समारोह में 7 देशों के अध्यक्ष को बुलाकर दिखाई भी. अपने तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी किस देश से विदेश दौरे की शुरुआत करेंगे ये जानना भी जरूरी है. प्रधानमंत्री मोदी 2014 में जब पीएम बने थे तब उन्होंने भूटान से विदेश दौरे की शुरुआत की थी. 2019 में उन्होंने मालदीव से विदेश दौरे का आगाज किया.
इस बार पीएम मोदी के विदेश दौरे की शुरुआत इटली से हो सकती है. वह यहां पर जी7 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. जी7 सम्मेलन 13 से 15 जून तक इटली के बोर्गो एग्नाजिया (फसानो) में आयोजित होगा. पीएम मोदी के 14 जून को एक दिन के लिए शिखर सम्मेलन में पहुंचने की संभावना है. मार्च 2023 में इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की नई दिल्ली यात्रा के दौरान इटली और भारत ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया.
इसी साल इटली को मिली अध्यक्षता
जी7 शिखर समिट एक अनौपचारिक अंतरराष्ट्रीय मंच है जिसके सदस्य देश इटली, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूके और अमेरिका हैं. इटली को इस साल 1 जनवरी को इसकी अध्यक्षता मिली. जी7 शिखर सम्मेलन के बाद, स्विट्जरलैंड यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, जिसमें 90 देश और संगठन (यूरोप से आधे) हिस्सा लेंगे. ये देश यूक्रेन में संभावित शांति की दिशा में रास्ता तैयार करने के लिए हिस्सा लेंगे. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस शिखर सम्मेलन में भारत हिस्सा नहीं लेगा.
इस बार भारत का कूटनीतिक कार्यक्रम बहुत व्यस्त होने वाला है. जी-7 से पहले ही भारतीय विदेश मंत्री 11 जून को रूस में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे, जहां अक्टूबर में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की तैयारी की चर्चा करेंगे.
जून के आखिरी सप्ताह में पीएम मोदी के बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मेजबानी करने की उम्मीद है. इसके बाद जुलाई में कजाकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. यहां उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हो सकती है.