हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव संपन्न हुए हैं. इसके बाद अब उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है. बता दें कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है. इससे पहले ही देश के नए उपराष्ट्रपति का चुनाव होगा. हम आपको उपराष्ट्रपति पद के महत्व और अधिकारों के बारे में बहुत ही आसान तरीके से बताएंगे-
उपराष्ट्रपति पद का महत्व-
वरीयता क्रम में राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है. उपराष्ट्रपति के द्वारा सामान्य परिस्थितियों में राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य किया जाता है.
भारत के राष्ट्रपति का देहांत हो जाने, बीमारी या अन्य कारणों से अवकाश पर चले जाने और ऐसी किसी भी परिस्थिति में जब राष्ट्रपति अपना कार्य करने में असमर्थ हैं या उपलब्ध नहीं है तो उनके पद के निर्वहन की जिम्मेदारी उपराष्ट्रपति को मिलती है. सामान्य स्थिति में उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के तौर पर ही काम करते हैं.
उपराष्ट्रपति जब राज्यसभा के सभापति के तौर पर कार्य करते हैं तो उन्हें वेतन-भत्ते,आवास, सुरक्षा, मुफ्त यात्रा सहित अन्य कई सुविधाएं मिलती हैं. यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें वेतन उपराष्ट्रपति के पद के लिए नहीं बल्कि राज्यसभा के सभापति के तौर पर काम करने के लिए दिया जाता है.
राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनकी जिम्मेदारी का निर्वहन करने पर उस दौरान वेतन सहित उपराष्ट्रपति को हर वो सुविधा दी जाती है जो कि राष्ट्रपति को मिलती है. इसके अलावा राज्यसभा का सभापति रहते हुए राष्ट्रपति की स्थिति उच्च सदन में वही होती है, जो कि निचले सदन यानी लोकसभा में अध्यक्ष की. उन्हें सदन के सदस्यों को नियमों के उल्लंघन पर दंडित करने का अधिकार होता है.
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