लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के लिए सबसे मुश्किल और कमजोर कड़ी दक्षिण भारत माना जा रहा था और इंडिया गठबंधन की उम्मीदें इसी इलाके पर टिकी हुई थीं. चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे, लेकिन उससे पहले आए एग्जिट पोल ने विपक्ष की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. पीएम मोदी का जादू उत्तर भारत के राज्यों में ही नहीं बल्कि इस बार दक्षिण के राज्यों में भी चला है. बीजेपी इस बार केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य में खाता खोलती दिख रही है तो तेलंगाना में सीटें बढ़ रही हैं.
बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए को उत्तर भारत ही नहीं दक्षिण के में भी सियासी लाभ मिलता दिख रहा है. दक्षिण के राज्यों में कुल 131 लोकसभा सीटें आती हैं, जिनमें कर्नाटक में 28, तेलंगाना में 17, आंध्र प्रदेश में 25, तमिलनाडु में 39, केरल में 20, पुडुचेरी और लक्षद्वीप में 1-1 सीट है. इस बार बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए को 44 सीटें मिलने की उम्मीद है. इस तरह एनडीए की सीटें 2019 से बढ़ रही हैं.
कर्नाटक को लेकर क्या कहते हैं एग्जिट पोल के अनुमान?
कर्नाटक की कुल 28 लोकसभा सीटें हैं. टीवी9 भारतवर्ष- People’s Insight और POLSTRAT के एग्जिट पोल के मुताबिक, कर्नाटक की 28 में से बीजेपी को 18 सीटें मिलने का अनुमान है, तो उसके सहयोगी जेडीएस को दो सीट मिल सकती हैं. कांग्रेस को आठ सीटें मिलने की उम्मीद है. कर्नाटक में बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में सात सीटों का नुकसान हो सकता है, लेकिन दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों में उसे सियासी फायदे की संभावना दिख रही है.
एग्जिट पोल के सर्वे के लिहाज से तेलंगाना की 17 सीटों में से बीजेपी को सात सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि कांग्रेस को 8 सीटें मिलने का अनुमान है. बीआरएस को एक सीट मिल सकती है और एक सीट AIMIM को मिल रही है. असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद सीट से जीतते नजर आ रहे हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक, बड़ा नुकसान केसीआर की पार्टी बीआरएस को होने की संभावना जताई जा रही है, जबकि कांग्रेस और बीजेपी को फायदा मिलने की उम्मीद है. 2019 में बीजेपी ने तेलंगाना में चार सीटें जीती थीं और कांग्रेस को तीन सीटें मिली थीं. वहीं, बीआरएस ने 9 सीटों पर जीत हासिल की थी.
तमिलनाडु में बीजेपी को मिल सकती हैं 4 सीटें
टीवी9-People’s Insight और POLSTRAT के एग्जिट पोल के मुताबिक, तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीटों में से इंडिया गठबंधन को 35 सीटें मिल सकती हैं, तो एनडीए को 4 सीटें मिल सकती हैं. AIADMK का खाता खुलता नहीं दिख रहा है. एनडीए को मिलने वाली 4 सीटों में से बीजेपी को 2 सीटें मिल रही हैं, तो एक वीसीके और एक सीट पीएमके के हिस्से में जा सकती है. इंडिया गठबंधन में कांग्रेस को 8, डीएमके को 21, लेफ्ट को 4, ओपीएस को एक, एमडीएमके को 1 और वीसीके को एक सीट मिल सकती है. बीजेपी 2019 में तमिलनाडु में खाता नहीं खोल सकी थी, जबकि इस बार दो सीटें उसे मिल सकती हैं. कोयंबटूर और तिरुनेलवेली सीट बीजेपी जीत सकती है.
केरल में 20 लोकसभा सीटें हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक, केरल में बीजेपी को एक सीट मिलने की उम्मीद है. कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ के खाते में 16 सीटें जा सकती हैं, तो लेफ्ट के अगुवाई वाले एलडीएफ को 3 सीटें मिल सकती हैं. यूडीएफ में कांग्रेस को 13 सीटें, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को 2, केईसी को 1 सीट मिल सकती है. एलडीएफ में सीपीएम दो सीटें और सीपीआई एक सीट जीत सकती है. 2019 के चुनाव में बीजेपी का केरल में खाता नहीं खुला था, लेकिन उसे एक सीट मिल सकती है. त्रिशूर से बीजेपी के सुरेश गोपी चुनाव जीत सकते हैं. केरल में यूडीएफ को 3 सीट का नुकसान, तो एलडीएफ को सीटों का फायदा होता दिख रहा है.
आंध्र प्रदेश में भी एनडीए को हो सकता है फायदा
टीवी9-People’s Insight और POLSTRAT के एग्जिट पोल के मुताबिक, आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से एनडीए को 12 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि इंडिया गठबंधन का खाता खुलता नहीं दिख रहा है. वाईएसआर कांग्रेस को 13 सीटें मिलने की उम्मीद है. एनडीए की 12 सीटों में से बीजेपी को 2, टीडीपी को 9 और जेएसपी को एक सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है. वाईएसआर कांग्रेस को 10 सीटों का नुकसान हो रहा है. 2019 में बीजेपी का खाता आंध्र प्रदेश में नहीं खुला था, लेकिन टीडीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का इस बार सियासी लाभ मिला है. बीजेपी के हिस्से में दो सीटें आ रही हैं.
पीएम मोदी का जादू 2019 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत में फीका रहा था, लेकिन इस बार के चुनाव में उन्हें सियासी लाभ मिलने की संभावना है. दक्षिण में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के अलावा पुडुचेरी और लक्षद्वीप है. इस तरह दक्षिण में कुल 131 सीटों हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे देखें तो बीजेपी 29 संसदीय सीटें जीतने में सफल रही थी, जबकि कांग्रेस 27 सीटें और क्षेत्रीय दलों के खाते में 74 सीटें आई थीं. इस बार एनडीए की सीटें बढ़कर 44 पर पहुंच रही हैं. इस तरह 13 सीटों का सियासी लाभ मिलने की उम्मीद है.
केरल और तमिलनाडु में खोल सकती है खाता
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कर्नाटक और तेलंगाना में सीटें जीतने में सफल रही थी जबकि केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में खाता तक नहीं खोल सकी थी. ऐसे में बीजेपी दक्षिण में नए सहयोगी दलों के साथ गठबंधन कर 2024 के चुनावी मैदान में थी, जिसमें आंध्र प्रदेश में टीडीपी और कर्नाटक में जेडीएस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी थी. इस तरह तमिलनाडु में भी बीजेपी ने स्थानीय पार्टियों के साथ हाथ मिलाया था. बीजेपी आंध्र प्रदेश से लेकर तमिलनाडु और केरल तक में खाता खोलते दिख रही है, तो तेलंगाना में उसकी सीटें बढ़ सकती हैं.