लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मणिपुर में हाल में हुई हिंसक झड़पों और जारी हिंसा को बेहद परेशान करने वाला करार दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य का दौरा कर क्षेत्र में शांति बहाल करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया. मणिपुर में लापता छह लोगों में से तीन के शव नदी से निकाले जाने के एक दिन बाद प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर हमला किया, जिसके बाद सरकार ने पांच जिलों में अनिश्चित काल के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी और राज्य के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं.
राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मणिपुर में हाल में हुई हिंसक झड़पों और लगातार हो रही हिंसा ने गहरी चिंता पैदा कर दी है. पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा, एक साल से अधिक समय तक विभाजन और पीड़ा के बाद हर भारतीय की उम्मीद थी कि केंद्र और राज्य सरकारें सुलह के लिए हर संभव प्रयास करेंगी और कोई समाधान निकालेंगी.
शांति और सौहार्द बहाल की अपील
राहुल गांधी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी से एक बार फिर मणिपुर का दौरा करने और क्षेत्र में शांति और सौहार्द बहाल करने की दिशा में काम करने का आग्रह करता हूं. पिछले वर्ष मई से मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
इंफाल पश्चिम जिले में लगा कर्फ्यू
क्षेत्र में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण शनिवार से अगले आदेश तक इंफाल पश्चिम जिले में कर्फ्यू फिर से लगा दिया गया है. इससे पहले, अधिकारियों ने 15 नवंबर के आदेश के अनुसार 16 नवंबर को सुबह 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी थी. हालांकि, यह ढील आदेश अब तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है.
आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवा सहित आवश्यक सेवाओं में शामिल व्यक्तियों को कर्फ्यू से छूट दी जाएगी. इंफाल पश्चिम जिला मजिस्ट्रेट किरणकुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब, जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण, उपर्युक्त कर्फ्यू ढील आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है, यानि 16 नवंबर को शाम 4:30 बजे से शाम 4:30 बजे से अगले आदेश तक पूर्ण कर्फ्यू लगाया गया है.
इन क्षेत्रों में लगाया जाएगा AFSPA
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को मणिपुर के पांच जिलों के छह पुलिस स्टेशनों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 को तत्काल प्रभाव से 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया, ताकि जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षा स्थिति को बनाए रखने के लिए अच्छी तरह से समन्वित संचालन को संबोधित किया जा सके. गृह मंत्रालय के अनुसार, मणिपुर के पांच जिलों (इम्फाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, जिरीबाम, कांगपोकपी और बिष्णुपुर) के सेकमाई, लामसांग, लामलाई, जिरीबाम, लीमाखोंग और मोइरांग पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में AFSPA लगाया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय प्रमुख हितधारकों के परामर्श से मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा के बाद लिया गया है.