जहरीली हवा और धुंध से दिल्ली एनसीआर की सेहत बहुत खराब है. रविवार को पूरे दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी रही. दिल्ली में जहां AQI 339 (बहुत खराब) दर्ज किया गया, वहीं नोएडा में AQI 349 (बहुत खराब) श्रेणी में पाया गया. इसी प्रकार गुरुग्राम में भी AQI 304 (बहुत खराब) रही. यह जानकारी सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) ने दी है. सफर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो सकती है.
दिल्ली एनसीआरमें प्रदूषण अपने विनाशकारी रूप में आता जा रहा है. इस प्रदूषण की वजह से यहां सांस के मरीजों की तादात तेजी से बढ़ रही है. हर पांच में से चार परिवार इसकी चपेट में आ गए हैं. बाकी जो बचे हैं, उनमें भी लक्षण दिखने लगे हैं. एक सर्वे के मुताबिक इस समय हर घर में कम से कम एक मरीज सांस की समस्या से पीड़ित है. यह सर्वे लोकल सर्किल नामक संस्था ने कराया है. दिल्ली एनसीआर (नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और दिल्ली) में 19000 लोगों से बातचीत कर संस्था ने अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की है. यह रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाला है.
पांच में से चार परिवारों में मिले सांस के मरीज
इस रिपोर्ट के मुताबिक 19000 में से महज 7 फीसदी ही लोग ऐसे मिले हैं, जिन्हें या जिनके परिवार में किसी को इस प्रदूषण से दिक्कत नहीं है. इस सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक बीते बीते एक सप्ताह में प्रदूषण ने दिल्ली-एनसीआर को बुरी तरह से जकड़ने का प्रयास किया है. यहां हर पांच में से चार ने परिवारों ने इस अवधि में प्रदूषण जनित बीमारियों के प्रकोप का एहसास किया है. इनमें 18 फीसदी लोगों को तो इतनी दिक्कत हुई कि उन्हें डॉक्टर के पास भी जाना पड़ गया. रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में शामिल 80 प्रतिशत परिवारों में प्रदूषण जनित बीमारियों से ग्रसित लोग पाए गए हैं. इन परिवारों में कम से कम एक सदस्य तो इस बीमारी से ग्रसित पाए ही गए हैं.
उपभोक्ता हित के मुद्दों पर सर्वे करती है संस्था
जानकारी के मुताबिक लोकल सर्किल संस्था एक सामुदायिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म है. यह संस्था आम तौर पर सार्वजनिक हित के मुद्दों पर आधारित विषयों पर सर्वे करता है. ताजा सर्वे में इस संस्था ने पूरे दिल्ली एनसीआर को शामिल करते हुए 19000 लोगों से बातचीत की है. इस सर्वे में कुल 63 फीसदी पुरूषों ने हिस्सा लिया. इसमें से 80 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि उन्हें या उनके परिवार को इस प्रदूषण से दिक्कत है. इनमें से महज 7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें इस प्रदूषण से कोई दिक्कत नहीं है.
प्रदूषण बढ़ते ही दिल्ली से बाहर चले गए कई परिवार
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से परेशान होकर कई परिवार यहां से बाहर चले गए हैं. कई मल्टीनेशनल कंपनियों के कर्मचारियों ने हालात को देखते हुए वर्क फ्रॉफ होम ले लिया और अपने गांव या एनसीआर के बाहर अन्य शहरों में बैठकर काम कर रहे हैं. दरअसल दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है. हवा रोज जहरीली होती जा रही है. इससे तमाम लोगों को सांस की परेशानी से जूझना पड़ रहा है.