गौतम अडानी मामले में अमेरिकी शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट एमएल शर्मा बेंच के सामने गिड़गिड़ाने लगे। अपनी रिट को मेन बनाने की मांग करते हुए वो अदालत से बोले कि उनके साथ रजिस्ट्री हर बार खेल कर देती है। उनकी दरखास्त थी कि इस बार उनकी बात मान ली जाए। अगली बार से वो खुद को अलग रखेंगे। बेंच ने सुनवाई सोमवार तक टाल दी।
शर्मा बोले- मैंने सबसे पहले दायर की थी याचिका
एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर अपील की है कि अदालत सेबी और भारत सरकार को आदेश दे कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की गहन जांच कर शार्ट सेलर के निदेशन नाथन एंडरसन खिलाफ एफआईआर दर्ज करे। दूसरी याचिका एडवोकेट विशाल तिवारी ने दायर की है। इसमें उनकी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर जज से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच कराई जाए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान विशाल तिवारी की रिट को तरजीह दी तो एमएल शर्मा गिड़गिड़ाने लगे। उनका कहना था कि रिट को तैयार करने में उन्होंने जीतोड़ मेहनत की है। लेकिन रजिस्ट्री ने कुछ और ही कर डाला। शर्मा का कहना था कि उन्होंने पहले याचिका दायर की है तो फिर इसे लीड मानकर सबसे पहले क्यों नहीं सुना जा रहा।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ली उनकी चुटकी
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने एमएल शर्मा की दरखास्त पर कहा कि आपकी चिंता छोटे और मझोले निवेशकों के हित सुरक्षित रखने की है। फिर पूरे शेयर बाजार पर असर कैसे पड़ने जा रहा है। सीजेआई का कहना था कि आप ये मत समझिए कि हम आपकी रिट को उचित सम्मान देने नहीं जा रहे हैं। लेकिन एमएल शर्मा लगातार गिड़गिड़ाते रहे तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनकी चुटकी लेते हुए कहा कि लगता है कि मेरे काबिल दोस्त फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट में यकीन रखते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र से पूछा कि आप कैसे भारतीय इन्वेस्टर को प्रोटेक्ट करेंगे। सीजेआई की बेंच ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच को लेकर केंद्र से सोमवार तक जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्रालय, सेबी से भी जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि शेयर बाजार आमतौर पर भावनाओं पर चलता है, हम इस मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञों की समिति बनाने का सुझाव दिया
अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के अनुरोध वाली दोनों जनहित याचिकाओं सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 13 फरवरी को तय की। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि परेशान करने वाली बात यह है कि हम भारत के निवेशकों के हितों की रक्षा कैसे करें। सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञों और अन्य की समिति बनाने का सुझाव दिया, ताकि निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए मजबूती के साथ प्रक्रिया अपनाई जा सके। सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सेबी जरूरी कदम उठा रहा है। मेहता सेबी की तरफ से पेश हुए थे।