प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3.0 कैबिनेट के राष्ट्रपति भवन में शपथ समारोह में कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को न्यौता नहीं दिया गया था. कांग्रेस सूत्रों का कहना है किसोनिया गांधी को कांग्रेस संसदीय दल की नेता और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रहने के बावजूद न्यौता नहीं दिया गया. इसी तरह से राहुल गांधी को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और पांच बार का सांसद होने पर भी शपथग्रहण में शामिल होने का न्यौता नहीं दिया गया. कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष की बजाय राज्यसभा में विपक्ष के तौर पर न्यौता भेजा गया. फिर भी वो पार्टी और इंडिया गठबंधन से बात करके शामिल हुए.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को न्यौता आता तो वो भी शामिल होते. पहले हुए भी हैं. कांग्रेस नेता का कहना है कि बायकॉट वाला नैरेटिव बीजेपी गढ़ रही है, हमने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है.
हालांकि मोदी और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष का कोई भी नेता शामिल नहीं हुआ. वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और डी राजा ने पहले ही कहा था कि वे शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जा रहे हैं.
शपथ समारोह में शामिल नहीं हुईं ये पार्टियां
दूसरी ओर, टीएमसी नेता सागरिका घोष ने कहा था कि वह समारोह में शामिल नहीं होंगी. उन्होंने इस बाबत ट्वीट भी किया था. उन्होंने लिखा कि आपके आमंत्रण के लिए धन्यवाद. मुझे खेद है कि चूंकि हम विपक्ष में हैं और जनादेश खो चुके नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की नैतिक वैधता को स्वीकार नहीं करते, इसलिए मैंने व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल न होने का निर्णय लिया है.
तृणमूल कांग्रेस के नेता भी नहीं हुए शामिल
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस प्रुख ममता बनर्जी ने पहले ही कहा था कि टीएमसी के नेता शपथ समारोह में शामिल नहीं होंगे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शनिवार को अपनी पार्टी के सांसदों की एक बैठक में कहा था कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार बहुत लंबे समय तक नहीं चलेगी.