नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की सत्ता संभालते हुए आज 9 साल पूरे हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ही के दिन 2014 में बीजेपी की लोकसभा चुनावों में एकतरफा जीत के बाद पीएम पद की शपथ ली थी. पीएम मोदी की सरकार ने अपने शासनकाल में कई बड़े और कड़े फैसले किए हैं. इसी क्रम में मोदी सरकार ने आतंकवाद को देश से खत्म करने के लिए भी कई सख्त कदम उठाए हैं. इन फैसलों में सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर एयरस्ट्राइक तक शामिल हैं.
- यहां जानिए पीएम मोदी के आतंकवाद को खत्म करने के लिए उठाए गए ठोस कदम:-
- सर्जिकल स्ट्राइक – उरी में सेना के बेस पर हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने लाइन ऑफ कंट्रोल के उस पार आतंकी बेस कैंप को निशाना बनाते हुए सर्जिकल स्ट्राइक करने का फैसला लिया था. इस दौरान भारतीय सेना के जवान वहां गए थे और आतंकियों का पूरा बेस तबाह कर दिया था. यह स्ट्राइक आतंकियों को खत्म करने और एक कड़ा संदेश देने के लिए किया गया था कि भारत अब आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देगा.
- बालाकोट एयर स्ट्राइक – जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में 40 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए थे. जिसके बाद केंद्र सरकार ने फिर से आतंकवाद से सख्ती से निपटने का फैसला किया था. इस दौरान एयर फोर्स ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर बड़ा हमला बोला था. जिसमें कई आतंकियों का खात्मा हुआ था.
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करना – मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एक मुहिम छेड़ी और अपने साथ कई देशों का समर्थन हासिल किया. भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दूसरे देशों के साथ इंटेलीजेंस शेयरिंग, जॉइंट एक्सरसाइजेज और आतंक विरोधी प्रयासों में तेजी लाने के लिए एग्रीमेंट्स साइन किए.
- नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (संशोधन) एक्ट – 2019 में केंद्र सरकार ने नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) एक्ट में बदलाव किया था. इसका उद्देश्य NIA की ताकत और बढ़ाना था ताकि यह केंद्रीय जांस संस्था आतंकवाद और बाहरी क्षेत्रों के जरिए किए जा रहे ऑर्गनाइज्ड क्राइम पर मुकदमा चला सके और जांच कर सके. यह संशोधन सरकार ने NIA की ताकतों को बढ़ाने के लिए किया था ताकि आतंकवाद से और सख्ती से निपटा जा सके.
- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) कंप्लाइंस – केंद्र सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए एफएटीएफ की सिफारिशों का अनुपालन करने के उपाय किए. इन प्रयासों को उद्देश्य देश के फाइनेंशियल सिस्टम को मजबूत करना और टेरर फंडिंग को रोकना है.
- बॉर्डर सिक्योरिटी को बढ़ाया – केंद्र सरकार ने बॉर्डर सिक्योरिटी पर भी ज्यादा फोकस किया है, जिसमें जवानों की तैनाती की संख्या बढ़ाई गई, बॉर्डर पर आधुनिक सुरक्षा सर्विलेंस तकनीक लगाई गई हैं. बॉर्डर एरिया में पहले से ज्यादा पेट्रोलिंग भी की जा रही है. इतना ही नहीं बॉर्डर एरिया में फेसिंग भी दुरुस्त की गई है. इन उपायों का उद्देश्य आतंकिवादियों की घुसपैठ को रोकना और बॉर्डर को सुरक्षित करना था.
- गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) एक्ट संशोधन – सरकार ने गैरकानूनी एक्टिविटी रोकथाम अधिनियम में भी 2019 में संशोधन किया था. इसका उद्देश्य आरोपियों को आतंकवादी के रूप में डेजिग्नेशन देना, कानून प्रवर्तन एजेंसियों को और ताकतवर बनाना था ताकि उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके जो कि आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं.
- नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल – मोदी सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को भी पहले से बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह से रीस्ट्रक्चर्ड किया है. NSC राष्ट्रीय सुरक्षा में बेहद अहम भूमिका निभाती है. नए अपडेट की वजह से यह काउंसिल अब दूसरे देशों की सिक्योरिटी एजेंसियों के साथ इंटेलीजेंस शेयर करती है. वहीं यह आतंक विरोदी स्ट्रेटजीस में काफी अहम योगदान दे रही है.
- टेरर फाइनेंसिंग क्रेकडाउन – मोदी सरकार ने आतंकियों की संपत्तियों को जब्त करके, उनके अकाउंट्स को फ्रीज करके और फाइनेंशियल लेन देन पर कड़ी निगरानी करके आतंकियों के फंडिग के नेटवर्क को ही ध्वस्त कर दिया. जिसकी वजह से टेरर फंडिंग का प्रवाह रुक गया. इससे उनके फाइनेंस सिस्टम क्रैकडाउन हुआ. यह सरकार की निर्णायक कार्रवाई थी.
- वैश्विक आतंकवाद विरोधी पहल – मोदी सरकार ने आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए और इसके मूल कारणों को दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को बढ़ावा दिया है. पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र, G20 और ब्रिक्स जैसे सम्मेलनों में आतंकवाद का मुद्दा उठाया और इसकी जड़ों को भी बताया.