राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में यमुना नदी (Yamuna River) खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. शनिवार शाम 7 बजे यमुना नदी का जलस्तर 205.92 मीटर था. ऐसे में गंभीर हालात को देखते हुए संवेदनशील इलाकों से लोगों को तेजी से निकाला जा रहा है. पूर्वी दिल्ली के उप मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आमोद बर्थवाल ने कहा कि नदी के करीब निचले इलाकों में रहने वाले 13,000 लोगों में से लगभग 5,000 लोगों को राष्ट्रमंडल खेल गांव, हाथी घाट और लिंक रोड पर बने तंबुओं में ले जाया गया है.
करावल नगर से 200 लोगों को ऊंचे स्थानों पर ले जाया गया
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बाकी लोग सुरक्षित हैं और ऐसा लगता है कि उन्हें अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि जल स्तर गिरने की संभावना है. वहीं करावल नगर के एसडीएम संजय सोंधी ने कहा कि उनके जिले के निचले इलाकों से 200 लोगों को ऊंचे स्थानों पर ले जाया गया है, और गैर सरकारी संगठनों की मदद से उन्हें पीने का पानी, भोजन और अन्य आवश्यक चीजें उपलब्ध कराई गई हैं.
दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी कब घोषित की जाती है
बता दें कि दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी तब घोषित की जाती है जब हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की दर एक लाख क्यूसेक के निशान को पार कर जाती है और तब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को वहां से निकाल लिया जाता है.दिल्ली में यमुना बाढ़ के मैदानों और निचले इलाकों में रहने वाले लगभग 37,000 लोग बाढ़ की चपेट में माने जाते हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ के मैदानों के निचले इलाकों से निकाले गए लोगों को तंबुओं जैसे अस्थायी ढांचे और सुरक्षित क्षेत्रों में,जैसे स्कूलों के स्थायी भवनों में स्थानांतरित किया जा रहा है.
फिलहाल यमुना नदी के जलस्तर पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम भी जारी है.