- पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को होमवर्क से मुक्ति मिल गई है और दसवीं क्लास के छात्रों के लिए उनके स्कूली बस्ते का बोझ भी कम कर दिया गया है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) की ओर से जारी पत्र में यह बात कही गई है. एचआरडी के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र जारी करके कहा है कि पहली और दूसरी क्लास के छात्रों को अब होमवर्क नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा उनके स्कूली बस्ते का बोझ अधिकतम डेढ़ किलो होगा. इस तरह उनके बस्ते का बोझ भी कम कर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि स्कूलों को यह तय करना होगा कि जिन किताबों की जरूरत नहीं हो उसे बच्चे ना लाएं .
तीसरी से पांचवीं तक की कक्षाओं के छात्रों के लिए बस्ते का वजन दो से तीन किलोग्राम, छठी से सातवीं तक के लिए चार किलोग्राम, आठवीं से नौवीं तक के छात्रों के बस्ते का वजन साढ़े चार किलोग्राम और दसवीं कक्षा के छात्रों के लिये बस्ते का वजन पांच किलो ग्राम से ज्यादा न हो.
मंत्रालय ने पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को केवल गणित और भाषा पढ़ाने को कहा है, जबकि तीसरी से पांचवीं कक्षा के छात्रों को गणित, भाषा और सामान्य विज्ञान (ईवीएस) को ही पढ़ाने का निर्देश दिया है, जिसे राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा मान्यता दी गई है.