6 दिन बाद जेल से रिहा होगी शर्मिष्‍ठा पनोली, हाईकोर्ट ने बेल तो दी

दिल्‍ली. धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार हुई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और लॉ स्‍टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली को आज कलकत्ता हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. उन्हें 30 मई को एक इंस्टाग्राम वीडियो के जरिए धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में पुलिस ने अरेस्‍ट किया था. हाईकोर्ट ने उन्हें ₹10,000 के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही देश छोड़ने पर रोक भी लगाई है. इससे पहले 3 जून को ट्रायल कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने नहीं दिया जा सकता. पनोली ने वीडियो डिलीट कर माफी मांगी थी, लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी थी.


कोलकाता पुलिस ने 22 वर्षीय लॉ स्‍टूडेंट को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था और फिर ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता ले गई थी. उसे 30 मई को सिटी कोर्ट में पेश किया गया. मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद उसे 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करने के लिए 15 मई को कोलकाता के गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. इस वीडियो में उसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कुछ टिप्पणियां की थीं, जिससे कथित तौर पर एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची थी

र्मिष्ठा पनोली ने कड़ी आलोचनाओं के बाद उसने वीडियो हटा दिया था और मामले में सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी. हालांकि दर्ज एफआईआर के आधार पर पुलिस ने पहले उसे नोटिस भेजा. इसके बाद उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया और आखिरकार उसे गुरुग्राम में गिरफ्तार कर लिया गया था. पनोली (22) पुणे में कानून की पढ़ाई कर रही है. बीते शनिवार को जब उसे सिटी कोर्ट में पेश किया गया, तो सरकारी वकील ने उसकी पुलिस हिरासत की मांग की थी. सरकारी वकील ने दलील दी थी कि पुलिस के लिए यह जानना जरूरी है कि उसने किस इरादे से सोशल मीडिया पर ऐसा पोस्ट किया. इसलिए उसे पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए.


शर्मिष्‍ठा पहले ही मांग चुकी माफी
हालांकि शर्मिष्ठा पनोली के वकील ने तब जमानत देने की गुहार लगाई थी. उसके वकील ने दलील दी थी कि मेरी मुवक्किल ने अपनी टिप्पणियों के लिए पहले ही माफी मांग ली है. उसके बाद भी उसे धमकी भरे फोन आ रहे हैं. वह कानून की छात्रा है. पुलिस ने उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन पहले ही जब्त कर लिया है. उसके बयान दर्ज किए जा चुके हैं, इसलिए उसे किसी भी हालत में जमानत मिलनी चाहिए. मेरी मुवक्किल जांच प्रक्रिया में सहयोग करेगी.”

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