सुप्रीम कोर्ट ने गरीबों को दी जाने वाली मुफ्त कानूनी सहायता के लिए आय की सीमा बढ़ा दी है। अब पांच लाख रुपये तक की आय वाले सुप्रीम कोर्ट में अपने केस की पैरवी के लिए वकील की मुफ्त सेवा ले सकेंगे। पहले यह सीमा 1.25 लाख रुपये थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आय सीमा बढ़ाने के लिए नियमों में संशोधन कर दिया है। इन्हें केंद्र सरकार ने अधिसूचित भी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह संशोधन मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद किए हैं। इसमें कई कारकों जैसे महंगाई सूचकांक, न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी और लंबा समय गुजरने को ध्यान में रखा गया है। यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस रुल 7 में किया गया है, जिसमें मुफ्त कानूनी सेवा के लिए योग्यता बढ़ाई गई है।
लीगल सर्विस अथॉरिटी एक्ट,1987 के नियमों में किए इस बदलाव से अब और ज्यादा वादी अदालतों में केस दायर कर सकेंगे। इनमें कोर्ट फीस का भुगतान, केस पेपर तैयार करना, तथा पंजीकरण और वकील द्वारा मुफ्त बहस करना शामिल है। इस कानून से अब तक करीब 1.80 करोड़ लोग लाभ उठा चुके हैं।