नई दिल्ली : संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एस.जयपाल रेड्डी को याद करते हुए उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू भावुक हो गए और उनका गला भर आया। राज्यसभा के सभापति नायडू आंसू पोछते भी नजर आए। जयपाल रेड्डी का 28 जुलाई को निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे।
सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर रेड्डी को श्रद्धांजलि देते हुए सभी सदस्यों ने 2 मिनट का मौन रखा। सभापति नायडू अपने पुराने मित्र रेड्डी को श्रद्धांजलि देते हुए भावुक हो गए और भरे गले से बोले कि रेड्डी का जाना उनके लिए बेहद पीड़ादायी है। उन्होंने कहा कि रेड्डी ने 1997-98 के दौरान और 2004-2014 के दौरान विभिन्न मंत्रालयों में केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। रेड्डी ने अप्रैल 1990 से अप्रैल 1996 तक और सितंबर 1997 से मार्च 1998 तक दो बार उच्च सदन में आंध्रप्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। सभापति ने कहा कि एस जयपाल रेड्डी के निधन से देश ने एक वरिष्ठ पूर्व सांसद, एक मुखर वक्ता और एक कुशल प्रशासक को खो दिया है।
नायडू ने भरे गले से रेड्डी के साथ अपने निजी जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा कि पहले वह दोनों आंध्र प्रदेश विधानसभा के सदस्य थे और सदन में एक ही बेंच पर बैठा करते थे। उन्होंने कहा, ‘रेड्डी मेरे मित्र, वरिष्ठ सहयोगी और मार्गदर्शक थे। वह मुझसे छह साल वरिष्ठ थे।’ सदन में मौजूद सदस्यों ने रेड्डी के सम्मान में कुछ पलों का मौन भी रखा। नायडू ने बीते दिनों की याद करते हुए बताया कि उन दिनों आंध्र प्रदेश विधानसभा की बैठक सुबह 8 बजे शुरू होती थी। ‘तब मैं और रेड्डी अक्सर सुबह 7 बजे ब्रेकफास्ट के दौरान मिलते थे और मुद्दों पर हमारी चर्चा होती थी।’
भावुक नायडू ने कहा कि रेड्डी का हर विषय पर ज्ञान, समझने की क्षमता, अंग्रेजी और तेलुगु पर उनकी पकड़ और उर्दू की जानकारी बहुत ही शानदार थी। ‘उनका जाना बहुत ही पीड़ादायी है।’ नम आंखें पोंछते हुए नायडू ने कहा कि अपनी भावनाओं पर काबू न रख पाने के लिए वह क्षमा चाहते हैं। ‘अपनी भावनाओं पर काबू न रख पाने के लिए मैं क्षमा चाहता हूं क्योंकि 40 साल का जुड़ाव रहा हमारा। वह इस तरह हमें छोड़ कर चले गए… बहुत ही दुखद है।’