दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के मद्देनजर सम-विषम योजना आज सोमवार (4 नवम्बर) सुबह 8 बजे से शुरू होगी। यह योजना का तीसरा संस्करण है। पहले दिन दिल्ली की सड़कों पर केवल ऐसे निजी वाहन चल सकेंगे जिनके नंबर प्लेट का अंतिम अंक सम (ईवन) संख्या (0, 2, 4, 6, 8) हो। सरकार के निर्देश के मुताबिक नियम सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक लागू रहेंगे। पॉल्यूशन से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की ये कोशिश कितनी कारगर होगी, ये तो आने वाले दिनों में पता चलेगा। लेकिन सीएम अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों और शहर के लिए इस नियम का पालन करें। ऑड-ईवन नियमों का पालन न करने पर 4000 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा।
इस बार ऑड-ईवन नियम के दायरे से दोपहिया वाहनों को बाहर रखा गया है लेकिन सीएनजी वाहनों को इसके दायरे में रखा गया है। सीएनजी से चलने वाली प्राइवेट गाड़ियों को इस बार ऑड-ईवन से छूट नहीं है। दूसरे राज्यों से दिल्ली में आने-जाने वाली गाड़ियों पर भी यह नियम लागू होगा।
दिल्ली सरकार ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को ऑड-ईवन स्कीम के प्रतिबंध से छूट दी जाएगी। दिल्ली सरकार ऑड ईवन योजना से इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट देने का रविवार को फैसला किया। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एक बयान में कहा कि शहर में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या एक हजार से कम है और उनसे किसी तरह का जाम लगने की संभावना नहीं है। गहलोत ने कहा, ‘लिहाजा, इन वाहनों को सम-विषम पाबंदियों से छूट देने का फैसला किया गया है।’
4 से 15 नवंबर तक लागू रहेगी योजना
योजना 15 नवम्बर तक सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक लागू होगी। इसके तहत 4, 6, 8, 12 और 14 नवंबर को सड़कों पर विषम पंजीकरण संख्या (1, 3, 5, 7, 9) से समाप्त होने वाले चार पहिया निजी वाहनों को सड़कों पर निकलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी तरह, सम संख्या (0, 2, 4, 6, 8) के साथ समाप्त होने वाले पंजीकरण संख्या वाले वाहनों को 5, 7, 9, 11, 13 और 15 नवंबर को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। योजना 10 नवम्बर (रविवार) को लागू नहीं होगी और पाबंदी अन्य राज्यों के पंजीकरण नम्बर पर भी लागू होगी।
उल्लंघन करने वालों पर 4 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा
उल्लंघन करने वालों पर 4,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यातायात पुलिस में हेड कांस्टेबल एवं उच्च स्तर के अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार, एटीआई और डीटीसी के उच्च पदस्थ अधिकारियों को उल्लंघनकर्ताओं का चालान काटने के लिए अधिकृत किया गया है। यातायात पुलिस और अन्य विभागों की प्रवर्तन टीमों को 12 दिन के इस अभियान के दौरान इस्तेमाल करने के लिए चालान बुक, रसीद बुक और दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
योजना के उचित के लिए 200 टीमें तैनात रहेंगी
सम विषम योजना के सख्त अनुपालन के लिए दिल्ली यातायात पुलिस, परिवहन एवं राजस्व विभागों की सैकड़ों टीमें तैनात की गई हैं। अभियान के दौरान लगभग 400 ट्रैफिक इंस्पेक्टर और असिस्टेंट ट्रैफिक इंस्पेक्टरों (एटीआई) को दो पालियों में तैनात किया जाएगा। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार एटीआई और राजस्व विभाग के अधिकारी उल्लंघनकर्ताओं के चालान काटेंगे। साथ ही परिवहन विभाग द्वारा चिन्हित 200 स्थानों पर योजना का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। दिल्ली यातायात पुलिस ने योजना का उचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए 200 टीमें तैनात की हैं। इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए शहरभर में लगभग 5,000 नागरिक सुरक्षा वालंटियर तैनात करने के लिए प्रशिक्षित किये गए हैं।
कई विभागों के कार्यालयों के समय में परिवर्तन
दिल्ली सरकार ने सम-विषम योजना के मद्देनजर अपने विभागों के कार्यालयों के समय में परिवर्तन किया है। दिल्ली के 21 विभाग सुबह 9:30 बजे से शाम 6 बजे तक काम करेंगे तो वहीं कुछ विभाग सुबह 10:30 से शाम 7 बजे तक काम करेंगे। यह योजना शहर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की क्षमता का परीक्षण भी करेगी।
दिल्ली मेट्रो लगाएगी अतिरिक्त फेरे
दिल्ली सरकार की 2,000 निजी बसों को किराए पर लेने की योजना को आंशिक सफलता मिली है क्योंकि रविवार शाम तक करीब 800 बसें ही पंजीकृत हुईं। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि रात तक यह संख्या 1,000 के पार जाने की संभावना है। दिल्ली मेट्रो सम-विषम योजना के 11 दिन की अवधि में 61 अतिरिक्त फेरे संचालित करेगी।
सर्ज प्राइजिंग लागू नहीं करेंगे Ola-Uber
हालांकि, यात्रियों का बड़ा बोझ 5,600 से अधिक दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर बसों द्वारा वहन किया जाएगा। कैब ऑपरेटरों ओला और उबर ने कहा है कि वे सम-विषम योजना के दौरान सर्ज प्राइसिंग लागू नहीं करेंगी। सरकार ने ऑटोरिक्शा द्वारा अधिक किराया वसूलने से रोकने के लिए भी कदम उठाए हैं।
दोपहिया वाहन इस योजना से बाहर
इस बार ऑड-ईवन नियम के दायरे से दोपहिया वाहनों को बाहर रखा गया है। इस बार सीएनजी गाड़ियों को ऑड-ईवन के दायरे में रखा गया है। चिकित्सकीय आपात स्थिति में इस्तेमाल किये जाने वाले वाहनों और यूनिफॉर्म में स्कूली बच्चों ले जाने वाले वाहनों को छूट दी जाएगी। ऐसे वाहन जिनकी चालक महिलाएं हों और उनमें 12 वर्ष तक की आयु के बच्चे हों उन्हें छूट दी जाएगी। इसके साथ ही ऐसे वाहनों को भी छूट मिलेगी जिनमें दिव्यांग सवार हों।
इनके वाहनों को मिलेगी छूट
देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के राज्यपाल, भारत के प्रधान न्यायाधीश, लोकसभाध्यक्ष, उप लोकसभाध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के नेता, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीशों, दिल्ली के उपराज्यपाल, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों के वाहनों को छूट दी जाएगी। इसके साथ ही एंबुलेंस, फायरब्रिगेड, जेल और शव वाहन को भी छूट दी गई है। यह पाबंदी लोकपाल और उसके सदस्यों, संघ लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष, मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चुनाव आयुक्त, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष एवं सदस्यों, लोकायुक्त, दिल्ली और चंडीगढ़ के राज्य चुनाव आयुक्तों पर भी लागू नहीं होगी। दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा चलायी जाने वाली गाड़ियां के साथ-साथ वर्दी पहने स्कूली बच्चों को लेकर चलने वाली गाड़ियां, उनके साथ ड्राइवर का होना जरूरी है।