हैदराबाद: तेलंगाना (Telangana) की राजधानी हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर से गैंगरेप (Gangrape) के बाद हत्या (Hyderabad Veterniary Doctor Murder) और फिर लाश को जला देने की घटना में एक बार फिर पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है. इस पूरी घटना से पहले मृतक के परिवार वालों को न केवल एक थाने से दूसरे थाने के चक्कर लगाने को मजबूर किया गया, वहीं डॉक्टर का चरित्र हनन कर उसके पिता को बेइज्जत किया गया. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनसे कहा कि उनकी बेटी किसी के साथ भाग गई होगी.
मृतक के परिजनों ने बताया कि उन्होंने पुलिस वालों के सामने गुहार लगाई कि वह बेटी को ढूंढने के लिए कम से कम टोल प्लाजा तक तो चलें लेकिन पुलिस वालों ने परिजनों की बात को काफी हल्के में लिया और उन्हें वहां से जाने के लिए कहा. मृतक की बहन ने बताया कि बुधवार रात डॉक्टर को इस बात का अंदाजा लग गया था कि वह खतरे में है. उसने बहन को फोन भी किया लेकिन कुछ देर बाद ही उसका फोन स्विच ऑफ हो गया. डॉक्टर जब 10:30 तक घर नहीं पहुंची तो बहन ने पिता को फोन किया. बहन और उसके पिता शिकायत लेकर थाने पहुंचे. मृतक की बहन ने आरोप लगाया है जब वह थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो उन्हें वहां से शनशाबाद थाने जाने को कहा गया. पुलिस ने कहा कि यह मामला उनके क्षेत्र में नहीं आता.
परिजनों ने आरोप लगाया कि किसी ने भी उन्हें ढंग से जवाब नहीं दिया. परिजनों ने बताया कि मृतक के पिता पुलिसकर्मियों के सामने गिड़गिड़ाते रहे कि बेटी को ढूंढने के लिए कोई उचित कार्रवाई करें लेकिन पुलिस इसे टालती रही. सुबह 3 बजे तक यही चलता रहा. इसके बाद डॉक्टर को ढूंढने के लिए पिता के साथ दो कांस्टेबल भेजे गए, लेकिन उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा. परिजनों का आरोप है कि समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती हो बेटी को बताया जा सकता था. गुरुवार सुबह पुलिस ने डॉक्टर के परिवार को फोनकर चेतनपल्ली अंडरपास पर बुलाया जहां उन्हें अपनी बेटी का जला हुआ शरीर मिला.