लखनऊ: यूपी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। यूपी पुलिस ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर जुर्माना लगाकर, उन्हें वसूली नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। जुर्माना नहीं चुकाने पर संपत्ति को कुर्क करने की बात हो रही है।
खबर के मुताबिक, 19 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद पुलिस ने उपद्रवियों को सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से चिन्हित किया है और इसी के आधार पर उन पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। उधर, लखनऊ में हुई हिंसा के मामले में पकड़े गए आधा दर्जन से ज्यादा लोगों का पश्चिम बंगाल से कनेक्शन सामने आया है। खबर के अनुसार, लखनऊ में हिंसा के दौरान इन्हें पश्चिम बंगाल से बुलाया गया था।
लखनऊ में 218 लोग गिरफ्तार: डीजीपी
पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि उग्र प्रदर्शन मामले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लखनऊ में ही करीब 218 लोग गिरफ्तार हुए हैं। डीजीपी ने कहा, ‘मामले की जांच जारी है। प्रदर्शन में एनजीओ और बाहरी तत्व शामिल हो सकते हैं। हम जांच करा रहे हैं और किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। निर्दोष को कोई परेशानी नहीं होगी।’
डीजीपी ने कहा, ‘अब तक प्रदेश में 9 लोगों की मौत हुई है। जिन लोगों की मौत हुई है, वे क्रॉस फायरिंग में मारे गए हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में स्थिति साफ हो जाएगी। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।’ इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर फैलाए जा रहे बहकावे में नहीं आने की अपील करते हुए कहा था कि उपद्रव और हिंसा की छूट किसी को नहीं दी जा सकती।
योगी ने कहा, ‘कानून को हाथ में लेकर उपद्रव और हिंसा करने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। संशोधित नागरिकता कानून पर फैलाए जा रहे भ्रम और बहकावे में कोई भी न आए।’ उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने का दायित्व उत्तर प्रदेश सरकार का है और पुलिस हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की है कि वह अफवाहों पर यकीन नहीं करे और उपद्रवी तत्वों के उकसावे में न आएं।