हाल ही में भारत के 8 समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग मिला है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के समुद्री तटों को पहली बार ये मान्यता मिली है. इसके साथ ही हमारा देश भी उन 50 देशों की लिस्ट में शामिल हो गया, जिनके पास ये फ्लैग है. बता दें कि ये मान्यता दुनिया के सबसे साफ-सुथरे बंदरगाहों को दी जाती है. जानिए, क्या है ब्लू फ्लैग और किन समुद्री तटों को ये दर्जा मिला है.
मिला ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने रविवार को देश के एक या दो नहीं, बल्कि एक साथ 8 समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग मिलने की घोषणा की. स्वच्छ समुद्री तटों के लिए मिलने वाला ये सम्मान डेनमार्क का ‘फाउंडेशन फॉर एनवायरमेंट एजुकेशन’ (FEE) देता है. ये संस्था ग्लोबल स्तर पर अपनी पारदर्शिता और सख्त मापदंडों के लिए जानी जाती है, जो बिना फर्क समुद्री तटों की बारीकी से पड़ताल करती और तब उन्हें फ्लैग देती है. कुल 33 अलग-अलग मापदंडों पर समुद्री तट की पड़ताल होती है.
किन तटों को मिली मान्यता
अब तक देश के किसी भी समुद्री तट को इतना स्वच्छ नहीं माना गया था कि उसे ब्लू फ्लैग मिल सके. साल 2018 में देश के पर्यावरण मंत्रालय ने 13 समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग के करीब पाया और इनमें से भी 8 तटों के नाम डेनमार्क भेजे गए. वहां संस्था ने इन सभी 8 समुद्र तटों को अपने मानकों पर खरा पाया और ये फ्लैग दिया. ये फ्लैग पाने वाले बीचों में शिवराजपुर (गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड और पदुबिद्री (दोनों कर्नाटक में), कप्पड़ (केरल), रुशिकोंडा (आंध्र), गोल्डन (ओडिशा) और राधानगर (अंडमान) हैं. साथ ही देश को समुद्री तटों की स्वच्छता बनाए रखने की कोशिश के लिए थर्ड इंटरनेशनल बेस्ट प्रैक्टिस अवार्ड भी मिला.