उत्तर प्रदेश: दिवाली से पहले आम लोगों को थोड़ी राहत, इस साल नहीं बढ़ेंगे बिजली के दाम

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के आम लोगों की दिवाली की खुशी को दोगुना कर दिया है। राज्य में इस साल बिजली की दरों में कोई भी वृद्धि नहीं की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बुधवार को निर्णय लिया है कि इस साल वर्तमान बिजली टैरिफ आदेश ही लागू रहेगा। ऐसे में इस साल न उत्तर प्रदेश में बिजली महंगी होगी और न स्लैब बदलेगा। घरेलू से लेकर उद्योग के सभी उपभोक्ताओं की बिजली दरें पिछले साल की तरह ही रहेगी।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने अपने निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि यूपी में इस साल बिजली की दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा। आयोग से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के स्लैब परिवर्तन संबंधी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं और व्यापारियों को मिनिमम चार्च से कुछ राहत भी दी गई है।

उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों द्वारा वर्ष 2020-21 के लिये दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्कता टैरिफ प्रस्ताव सहित स्लैब परिवर्तन और वर्ष 2018-19 के लिये दाखिल ट्रू-अप पर बुधवार विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्यगण केके शर्मा व वीके श्रीवास्तव की पूर्ण पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए आदेश जारी कर दिया है कि इस वर्ष बिजली दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया जायेगा। वर्तमान लागू टैरिफ ही आगे लागू रहेगी। आयोग ने बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन को पूर्णता अस्वीकार करते हुए खारिज कर दिया।

स्मार्ट मीटर को लेकर भी राहत
विद्युत नियामक आयोग ने अपने आदेश में स्मार्ट मीटर पर आने वाले सभी खर्च को उपभोक्ताओं पर नहीं पास होगा का आदेश भी सुना दिया है। स्मार्ट मीटर के मामले में पांच किलोवाट तक आरसीडीसी फीस मात्र 50 रुपये प्रति जाब और पांच किलोवाट के ऊपर 100 रुपये प्रति जाब अनुमोदित किया गया है जो अभी तक बिजली कंपनियां आरसीडीसी फीस 600 रुपये वसूल कर रही थीं। प्रीपेड उपभोक्तओं अब आरसीडीसी फीस नहीं वसूल होगी।

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