नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए गुरुवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोरोना के ग्राफ को नीचे लाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने वैक्सीनेशन के मुकाबले कोरोना की टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रेसिंग पर जोर देने की वकालत की है.ऑनलाइन संवाद के दौरान पीएम मोदी ने कोरोनावायरस पर नियंत्रण के लिए ये 5 अहम सुझाव मुख्यमंत्रियों को दिए हैं.
पीएम मोदी ने बताईं ये 5 बातें
- हमारा जोर माइक्रो कंटेनमेंट जोन, नाइट कर्फ्यू पर होना चाहिए. नाइट कर्फ्यू को कोरोना कर्फ्यू (Covid Curfews) की तरह प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि लोगों को बताया जा के कि महामारी अभी भी फैल रही है.
- हमें प्रोएक्टिव टेस्टिंग करनी होगी, यानी सिर्फ लक्षण के आधार पर नहीं बल्कि रैंडम टेस्टिंग भी तेज करनी होगी, ताकि बिना लक्षण वाले मरीजों को पहचाना जा सके. बिना लक्षण वाले मरीज पूरे परिवार को संक्रमित बना रहे हैं.
- कोरोना के कुल टेस्ट में से 70 फीसदी RT-PCR टेस्ट हों और यह सुनिश्चित किया जाए कि सैंपल सही तरीके से लिया जाए.हमें पॉजिटिविटी रेट (positivity rate)को 5 फीसदी के नीचे लाना है और मृत्यु दर को भी नियंत्रित रखना है. कोरोना से हुई मौतों का विश्लेषण कर डेटा हर पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए.
- हमें वैक्सीन की बर्बादी को बचाना है और प्राथमिकता के आधार पर खुराक देनी हैं. हमें11 से 14 अप्रैल के बीच टीकाकरण महोत्सव आयोजित करना चाहिए. हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका देने के साथ एक भी खुराक की बर्बादी नहीं होने देनी चाहिए.
- जो लोग कोरोना वायरस के प्रति लापरवाह हो रहे हैं, उन पर ध्यान दें और प्रशासनिक सुस्ती को भी दुरुस्त करें. राज्यों को सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहिए और राज्यपालों को भी इसमें शामिल किया जाए. कोरोना को लेकर एक व्यापक जागरूकता अभियान की आवश्यकता है.