लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले साल एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें एक महिला एक साथ 25 स्कूलों से सरकारी टीचर की नौकरी कर रही थी और 13 महीने में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा सैलरी उठा चुकी थी। अब एक नया मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति एक साथ पुलिसकर्मी और प्राइमरी टीचर की नौकरी 5 साल तक करता रहा लेकिन 5 साल के बाद उसकी पोल खुल गई।
अंग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश में मोरादाबाद जिले के ठाकुरद्वारा पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया जिसमें शिकायत की गई थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस की डायल 112 टीम में काम कर रहे पुलिसकर्मी अनिल कुमार की जगह कोई दूसरा अनिल अपनी सेवाएं दे रहा है। पुलिस ने जब अपनी डायल 112 टीम के साथ काम कर रहे अनिल को बुलाकर उसके घर का पता, माता पिता का नाम पूछा तो उसने सही जानकारी दी, लेकिन जब उससे पूछा गया कि उसकी ट्रेनिंग के समय बरेली का एसएसपी कौन था तो वह नहीं बता सका। इसके बाद पूरे मामले की पोल खुल गई।
दरअसल अनिल कुमार नाम का व्यक्ति पुलिस में काम करता था और साल 2016 में उसने टीचर का टेस्ट क्लियर करके प्राइमरी टीचर की नौकरी शुरू की तो पुलिस की पिछली नौकरी से त्यागपत्र नहीं दिया। पुलिस की नौकरी से त्यागपत्र देने के बजाय अनिल ने पुलिस से अपना ट्रांस्फर करवाया और अपने साले सुनील का अनिल नाम से फर्जी पहचान पत्र बनवाकर उसे उस स्थान पर अपनी जगह पुलिस की ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए भेज दिया जहां पर उसने अपना ट्रांस्फर करवाया हुआ था।
लेकिन पिछले हफ्ते ठाकुरद्वारा पुलिस स्टेशन में जब अनिल को लेकर शिकायत दर्ज की गई तो पुलिस ने जांच शुरू की और पुराने पहचान दस्तावेजों के आधार पर पता किया कि जो अनिल डायल 112 टीम के साथ काम कर रहा था उसकी पहचान और असली अनिल की पहचान अलग-अलग है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है।