नई दिल्ली: देश मे कोरोनावायरस की दूसरी लहर में वायरस के डेल्टा वेरियंट ने तबाही मचाई थी, अब इसके डेल्टा प्लस वेरियंट को लेकर डर सताने लगा है. ऐसी सुगबुगाहट है कि देश में तीसरी लहर इस वेरियंट के चलते आ सकती है. अब तक इस वेरियंट से संक्रमित 40 से ज़्यादा केस सामने आ चुके हैं, जिसमें सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में हैं.मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा प्लस ‘वेरियंट ऑफ कंसर्न’ है. फिलहाल, डेल्टा प्लस वेरियंट के मामले सिर्फ तीन राज्यों केरल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में ही नही हैं. ये दूसरे राज्यों में भी पाए जा रहे हैं, लेकिन वे बिखरे हुए तरीके से पाए जा रहे हैं. अभी तक महाराष्ट्र में 21, मध्य प्रदेश में 6, केरल में 3, पंजाब में 1, तमिलनाडु में 3 और आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में 1-1 मरीज मिले हैं.स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार,( Delta के सभी वेरिएंट VOC (Variant of concern) हैं. डेल्टा प्लस वेरिएंट के दुनिया में 205 मामले हैं, इसमें आधे से ज्यादा मामले अमेरिका और ब्रिटेन में हैं. पहली बार इस वेरिएंट की जानकारी 11 जून को लगी थी,वो भी महाराष्ट्र के पुराने 5 अप्रैल के सैंपल के जरिए Delta प्लस की बात सामने आई थी. देश में डेल्टा वेरिएंट के 40 के करीब मामले हैं, अब तक 45 हजार से ज्यादा जीनोम सीक्वेंसिंग हो चुकी है.बता दें कि अभी मंगलवार की शाम को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग हुई थी, जिसमें स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस नए वेरियंट की जानकारी दी थी. प्रेस ब्रीफिंग के दौरान स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि डेल्टा प्लस वेरियंट अभी 9 देशों में है- यूके, यूएस, जापान, रशिया, भारत, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, नेपाल और चीन. उन्होंने कहा कि राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा गया है कि कैसे डेल्टा प्लस वेरियंट को डील करना है. हम नहीं चाहते हैं कि डेल्टा प्लस वेरियंट आगे बढ़े. विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्टा प्लस वेरियंट देश में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है.
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बताया कि ‘कोरोना की नई लहर इसलिए आती है क्योंकि वायरस घूम रहा है. ऐसे में अगर वायरस रूप बदल देता है तो दिक्कत हो जाती है. इस बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल है. हम वैक्सीन के जरिए ससेप्टिबिलिटी को बदल सकते हैं. अगर हम वायरस को मौका नही देते हैं तो दिक्क्क्त नही होगी.कई देशों में चार वेव तक आयी है. कोरोना वेब को लेकर कही रूल नहीं है, इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.’