BJP शासित राज्यों में पेट्रोल 8.7 रुपये व डीजल में 9.5 रुपये और सस्ता, लोगों को मिली बड़ी राहत

नई दिल्ली: लद्दाख से लेकर पुडुचेरी तक बीजेपी (BJP) शासित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल (Petrol Price) की कीमत में 8.7 रुपये प्रति लीटर और डीजल (Diesel) में 9.52 रुपये की अतिरिक्त कमी (VAT) की गई है. यह कटौती केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) में और राज्य सरकारों द्वारा वैट में कमी के बाद हुई है. दरअसल, केंद्र सरकार ने बुधवार को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है, ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके.

बता दें कि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बेतहाशा बढ़ने से देश की बड़ी आबादी में व्याप्त असंतोष को देखते हुए केंद्र सरकार ने गत बुधवार को इन पर लागू उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा की थी. पेट्रोल पर लागू उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर लागू शुल्क में दस रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है. उसके फौरन बाद बीजेपी-शासित राज्यों ने भी स्थानीय वैट की दरों में कटौती कर दी है. इसके बाद देश के 22 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में पेट्रोल एवं डीजल के दाम में अलग-अलग स्तर की कटौती देखी गई है. हालांकि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने स्थानीय शुल्क में अभी कटौती नहीं की है

उत्तराखंड में राज्य सरकार के स्तर पर की गई शुल्क कटौती सबसे कम है, जबकि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में यह अधिकतम है. पेट्रोल पर उत्तराखंड ने वैट में प्रति लीटर 1.97 रुपये की कटौती की है जबकि लद्दाख में 8.97 रुपये की कटौती हुई है. डीजल के मामले में उत्तराखंड ने वैट में 17.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है, जबकि लद्दाख में यह 9.52 रुपये प्रति लीटर है.

पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क घटने के बाद स्थानीय वैट कम करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों में कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं लद्दाख शामिल हैं.

वैट कटौती की वजह से कर्नाटक में पेट्रोल पर 8.62 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 9.40 रुपये प्रति लीटर की कटौती हुई है. वहीं मध्य प्रदेश ने पेट्रोल पर 6.89 रुपये और डीजल पर 6.96 रुपये प्रति लीटर की राहत दी है. उत्तर प्रदेश ने पेट्रोल पर वैट शुल्क में 6.96 और डीजल पर शुल्क में 2.04 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है.

स्थानीय बिक्री कर (VAT) में कमी न करने वाले राज्यों में राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। इन सभी राज्यों में गैर-भाजपाई दलों की सरकारें हैं.

स्थानीय वैट शुल्क न सिर्फ पेट्रोल-डीजल की आधार कीमतों बल्कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क पर भी निर्भर करता है. इस वजह से पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने के फैसले का विभिन्न राज्यों में प्रभावी असर अलग-अलग रहा. जिन राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर ज्यादा वैट वसूला जाता था, वहां पर यह असर कहीं ज्यादा रहा. दिल्ली में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 6.07 रुपये और डीजल पर 11.75 रुपये प्रति लीटर कम हो गया.

शुल्कों में कटौती के बाद अब सबसे महंगा पेट्रोल राजस्थान के जयपुर में 111.10 रुपये प्रति लीटर के भाव पर है, जिसके बाद मुंबई (109.98) और आंध्र प्रदेश (109.05) का स्थान है. दूसरी तरफ अधिकांश भाजपा-शासित राज्यों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से नीचे आ गए हैं. हालांकि मध्य प्रदेश में यह 107.23 रुपये और बिहार में 105.90 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर है.

इसी तरह सबसे महंगा डीजल भी राजस्थान के जयपुर में 95.71 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है. आंध्र प्रदेश में डीजल का दाम 95.18 रुपये और मुंबई में 94.14 रुपये प्रति लीटर है. वहीं मिजोरम में 79.55 रुपये प्रति लीटर के भाव के साथ सबसे सस्ता डीजल मिल रहा है. दिल्ली में पेट्रोल का भाव 103.97 रुपये और डीजल का भाव 86.67 रुपये प्रति लीटर है. राज्यों में वैट शुल्क की अलग-अलग दरें होने से पेट्रोल-डीजल के दामों में यह अंतर देखा जा रहा है.

उत्पाद शुल्क में बुधवार को की गई कटौती अब तक की सबसे बड़ी कटौती है. इसके साथ ही मार्च 2020 एवं मई 2020 के बीच पेट्रोल एवं डीजल पर प्रति लीटर बढ़ाए गए क्रमशः 13 रुपये एवं 16 रुपये कर की एक तरह से वापसी हो गई है. शुल्क कटौती से पहले पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया था और डीजल ने भी कई राज्यों में यह आंकड़ा छू लिया था.

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