नई दिल्ली : त्रिपुरा चुनाव हिंसा मामले (Tripura Election Violence Case) को लेकर के तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के बाद अब माकपा भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गई है. साथ ही त्रिपुरा की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर माकपा कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगाया है. माकपा ने तृणमूल कांग्रेस द्वारा दाखिल याचिका में ही अर्जी लगाई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज ही सुनवाई होनी है. दरअसल, त्रिपुरा में आज ही निकाय चुनाव भी होने जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की ओर से त्रिपुरा सरकार को निष्पक्ष और स्वतंत्र निकाय चुनाव कराने के आदेश दिए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान त्रिपुरा सरकार को बताना है कि चुनाव के दौरान वह क्या कदम उठा रही है. तृणमूल ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका भी दाखिल की है. पार्टी ने अपनी अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट के आदेश देने के बावजूद त्रिपुरा में हालात बेहद खराब हो चुके हैं, ऐसे में कोर्ट को अफसरों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करनी चाहिए.
बता दें कि त्रिपुरा में स्थानीय निकाय चुनाव आज ही होने जा रहे हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या भाजपा विधायक ने तालिबान स्टाइल में हिंसा का भाषण दिया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि विधायक के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है.
वहीं टीएमसी के वकील ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में स्थिति गंभीर है. नारे लगाने के लिए पार्टी सदस्य सयोनी घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई और उन्हें हत्या के प्रयास के आरोप का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि उनके पास कई वीडियो हैं और मतदाताओं को प्रभावित किया जा रहा है. जिस पर त्रिपुरा सरकार की ओर से पेश वकील महेश जेठमलानी ने याचिकाओं को राजनीति से प्रेरित बताया था.