फरीदाबाद: कोरोना के कारण बंद चल रहे स्कूल कल से खुलने जा रहे है लेकिन अभी नौंवी से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुल रहे हैं, इनमें कक्षाओं में सिर्फ उन्ही को प्रवेश मिलेगा जिन्होंने कोरोना रोधी टीके की पहली डोज लगवा ली है। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय ने निर्देश दिए हैं। निदेशालय के यह निर्देश अध्यापकों पर भी लागू होंगे। पूर्ण टीकाकरण यानी दोनों डोज लगवा चुके अध्यापक विद्यालय प्रवेश कर सकेंगे। अध्यापकों एवं छात्रों टीकाकरण की जानकारी शिक्षा विभाग के एमआइएस पोर्टल पर भी अपलोड करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश सरकार ने विद्यालयों को बंद करने के आदेश दिए थे। इस दौरान केवल ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही थी। अब कोरोना संक्रमण तेजी से सामान्य हो रहा है और संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। एक सप्ताह के होम आइसोलेशन एवं चिकित्सकीय परामर्श के बाद स्वस्थ हो रहे हैं। ऐसे में अब प्रदेश सरकार ने विद्यालयों को एक फरवरी से खोलने का फैसला किया है। विद्यालयों में छात्र संक्रमण से सुरक्षित रहे। इसके लिए तीन जनवरी से 15 से 18 वर्ष आयुवर्ग में कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। विद्यालयों में केवल वहीं छात्र प्रवेश कर सकेंगे, जिन्होंने कोरोना रोधी टीका लगवाया है।
85 फीसद छात्र लगवा चुके हैं टीका
जिले के राजकीय विद्यालयों में 15 से 18 वर्ष आयुवर्ग में 43372 छात्र एवं छात्राएं आते हैं और राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 85 प्रतिशत छात्र यानि 36672 छात्र टीका लगवा चुके हैं। इन्हें विद्यालय आने की अनुमति है। नौंवी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को टीकाकरण प्रमाण पत्र के साथ अभिभावकों द्वारा लिखित सहमति पत्र भी लाना होगा।
92 फीसद स्टाफ लगवा चुका टीका
जिले में कुल 378 विद्यालय हैं और इनमें 3866 अध्यापक एवं अन्य कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से 92 फीसद यानि 3315 स्टाफ टीके की दोनों डोज लगवा चुके हैं। केवल इन्हें विद्यालय में प्रवेश की अनुमति हैं, जबकि 246 ने केवल टीके की पहली ही डोज लगवाई है। यह लोग दूसरी डोज लगवाने के बाद ही विद्यालय आ सकेंगे।
छात्रों को टीकाकरण करने के लिए विद्यालयों में ही शिविर आयोजित किए थे। इससे 85 प्रतिशत छात्र एवं 92 प्रतिशत स्टाफ टीका लगवा चुका है। शेष स्टाफ भी जल्द ही टीका लगवाएगा। निदेशालय के निर्देश के अनुसार केवल टीका लगवाने वाले छात्र एवं अध्यापकों को विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। स्कूल खुलने के बाद शेष 15 प्रतिशत छात्रों को भी टीका लगवाया जाए। ताकि अन्य कक्षाएं भी शुरू हो सकें।