कथित स्टॉक मार्केट धोखाधड़ी मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्ण को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले शनिवार को चित्रा रामकृष्ण से केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक ने पूछताछ की थी. उन्होंने कहा था कि सीबीआई जिस ‘को-लोकेशन’ मामले की जांच कर रही है उसमें पूछताछ में रामकृष्ण ‘गोलमोल’ जवाब दे रही थीं.
अधिकारियों ने बताया था कि सीबीआई ने चित्रा से तीन दिन पूछताछ की लेकिन इस दौरान उन्होंने कथित रूप से सवालों का उचित जवाब नहीं दिया. सीबीआई की एक विशेष अदालत के सामने रामकृष्ण की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान एजेंसी ने अदालत को बताया कि वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के लिए सीएफएसएल, सीबीआई, नई दिल्ली के एक वरिष्ठ फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक की सेवाएं भी ली गईं.
एजेंसी ने अदालत को बताया, ‘सीएफएसएल, सीबीआई, नई दिल्ली के वरिष्ठ फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक ने पाया कि आवेदक अपने जवाबों में टालमटोल कर रही हैं. वह हमेशा अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों को मामलों के बारे में जानकारी होने का हवाला देतीं रहीं.’ सीबीआई ने चित्राा के कार्यों में एक रहस्यमय ‘योगी’ के मार्गदर्शन से संबंधित भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की एक रिपोर्ट में ‘नए तथ्यों’ के सामने आने के बाद ‘को-लोकेशन’ मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए 25 फरवरी को एनएसई समूह के पूर्व संचालन अधिकारी (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम को गिरफ्तार किया था.
गिरफ्तारी से बचने के लिए रामकृष्ण ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की, जिसे शनिवार को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया था. सुब्रमण्यम को फॉरेंसिक ऑडिट में कथित ‘योगी’ बताया गया था, लेकिन सेबी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में दावे को खारिज कर दिया था. रामकृष्ण ने 2013 में एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण की जगह ली थी. उन्होंने सुब्रमण्यम को अपना सलाहकार नियुक्त किया था, जिन्हें बाद में 4.21 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के मोटे वेतन पर जीओओ के रूप में पदोन्नत किया गया था.