नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने सोमवार को यहां की एक अदालत में 21 लोगों के खिलाफ उस घटना के सिलसिले में आरोपपत्र दायर किया जिसमें एक समूह द्वारा पूर्वी दिल्ली के कस्तूरबा नगर (Kasturba Nagar) में 20 वर्षीय एक महिला का कथित तौर पर अपहरण और सामूहिक बलात्कार (Gang rape and and Kidnapped) किया गया था तथा जूतों की माला पहनाकर उसे सड़क पर घुमाया गया था. यहां की एक अदालत में दायर आरोपपत्र में 12 महिलाओं, चार पुरुषों और पांच नाबालिगों के नाम हैं तथा आरोपपत्र 762 पन्नों का है. आरोपपत्र आपराधिक साजिश, सामूहिक बलात्कार, हत्या के प्रयास, डकैती और अपहरण सहित भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत दायर किया गया है.
पुलिस ने बताया कि अंतिम रिपोर्ट में पीड़िता को अगवा करने वाले तिपहिया वाहन के मालिक दर्शन सिंह का भी नाम शामिल किया गया है. दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में डॉक्टरों सहित 48 लोगों को सार्वजनिक और पुलिस गवाह के रूप में रखा है. रिपोर्ट में, पुलिस ने कहा कि कुल 26 वीडियो-सोशल मीडिया से 12 और आरोपी व्यक्तियों के मोबाइल से 14 वीडियो बरामद किए गए.
पुलिस के अनुसार, अपराध एक व्यक्ति की मौत का बदला लेने के इरादे से किया गया था और पीड़िता को मारने का इरादा था. आरोपपत्र में कहा गया है, “आरोपी व्यक्तियों की तस्वीरें एफएसएल विशेषज्ञों द्वारा उनकी पहचान स्थापित करने के लिए ली गई हैं. वायरल वीडियो के स्रोत के लिए साइबर विशेषज्ञों की भी मदद ली गई है. मनोचिकित्सक पहले ही आरोपी व्यक्तियों की जांच कर चुके हैं. इसके अलावा, आरोपी व्यक्तियों की आवाज का नमूना भी लिया जा रहा है.”
20 साल की पीड़िता का इस साल 26 जनवरी को कथित तौर पर अपहरण, सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसका सिर मुंडवाकर, चेहरे पर कालिख पोतकर तथा जूतों की माला पहनाकर कस्तूरबा नगर की सड़कों पर घुमाया गया था.
पुलिस ने कहा था कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि महिला और आरोपियों के परिवार से संबंधित एक लड़का दोस्त थे.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था, “लड़के ने पिछले साल नवंबर में आत्महत्या कर ली थी और उसके परिवार ने इसके लिए पीड़िता (महिला) को दोषी ठहराया था. परिवार ने आरोप लगाया कि उसकी वजह से लड़के ने यह कदम उठाया. उसका बदला लेने के लिए घरवालों ने उसका अपहरण कर लिया. वे उसे सबक सिखाना चाहते थे.”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पीड़िता के लिए 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की थी और कहा था कि सरकार फास्ट-ट्रैक अदालत में उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वकील की नियुक्ति करेगी.
पुलिस ने कस्तूरबा नगर में पीड़िता की बहन के घर के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी है क्योंकि उसने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे भी 19 जनवरी को उन्हीं हमलावरों द्वारा परेशान किया गया था, छेड़छाड़ की गई थी और उसकी पिटाई की गई थी.