बेंगलुरु: अंतरराष्ट्रीय एजेंसी टॉम टॉम ने बेंगलुरु को लंदन के बाद दुनिया का दूसरा ऐसा शहर पाया है जहां 10 किलोमीटर का सफर तय करने में 30 मिनट लग जाते हैं. एजेंसी की तरफ से कहा गया है कि बेंगलुरु के अलावा सिर्फ लंदन में इस सफर को पूरा करने में 36 मिनट लगते हैं. एजेंसी की तरफ से उठाए गए सवाल के बाद प्रशासन अब हरकत में आ गई है. शहर में अब ट्रैफिक पुलिस की संरचना बदली गई है. प्रशासन की तरफ से उठाए गए कदमों का असर भी अब दिखने लगा है.
एक कैब ड्राइवर ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि पहले एयरपोर्ट पहुंचने में 2 घंटे के आसपास का समय लगता था लेकिन अब जाने में एक घंटे से भी कम समय लगा. वापसी में भी एक घंटे से कुछ ही अधिक समय लगा. नई व्यवस्था को लेकर यह कहा जा सकता है कि बग़ैर नए फ्लाईओवर बनाए और किसी नए प्रोजेक्ट को पूरा किये ट्रैफिक पुलिस ने मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्टर के बीच रास्ता निकाला है जो कामयाब रहा है.
गौरतलब है कि 1 करोड़ 30 लाख की आबादी वाले बेंगलुरु शहर में 1 करोड़ 7 लाख गाड़ियां है. अर्थात लगभग हर शख़्स के पास एक गाड़ी है. बिगड़ते हालात को काबू करने के लिए प्रशासन ने सिटी पुलिसिंग से ट्रैफिक पुलिस को अलग कर दिया है. अब ADGP एम सलीम की निगरानी में नई टीम ने काम संभाल लिया है. ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम में एक विशालकाय स्क्रीन्स पर गूगल मैप को लगाया गया है. जिस भी सड़क पर लाल लकीर दिखती है- यानी जाम जैसी हालत- वहां कंट्रोल रूम से फौरन अधिकारियों को अलर्ट कर दिया जाता है.
बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त एम सलीम ने कहा कि ट्रैफिक पुलिसमैन को हमने चालान करने और वसूलने की ड्यूटी से हटा कर ट्रैफिक मैनेजमेंट में लगा दिया है. जब तक हमें उल्लंघन होता नहीं दिखता है. ट्रैफिक पुलिस किसी को चेकिंग के लिए नही रोकेगी, चलान को लेकर भी ट्रैफिक जाम लगता है. टेक्नोलॉजी ड्रिवेन ट्रैफिक मैनेजमेंट की मदद से अब हम चालान कर रहे हैं. इसके अलावा भी कई कदम उठाए गए हैं जैसे सुबह शाम भारी वाहन शहर नहीं आ सकेंगे. एयरपोर्ट के हेब्बाल फ्लाईओवर पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती से भी शहर के मुख्यमार्ग पर लगने वाले जाम को दूर किया गया है.