नई दिल्ली: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने संसद के प्रिविलेज कमेटी के सामने मांग की कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की जाए. सूत्रों के मुताबिक, दुबे ने समिति के सामने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जरिए पीएम मोदी का नाम बिना किसी साक्ष्य के बदनाम करना देश की छवि पर आघात है. बीजेपी सांसद ने कहा कि अपने 50 मिनट के भाषण में राहुल गांधी ने 75 बार अडानी का नाम लिया. इससे ये समझा जा सकता है कि वो उस बात के लिए किस कदर बेचैन थे. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी को हिंडनबर्ग अडानी मामले में पूछताछ के लिए प्रिविलेज समिति अगले हफ्ते बुला सकती है.
दुबे ने समिति के सामने दलील दी कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के लिए उनके खिलाफ तीन कारणों से प्रिविलेज का मामला बनता है. पहला कारण संसद के नियम 352 (2) के तहत किसी भी सांसद या मंत्री के खिलाफ कोई भी गंभीर आरोप लगाने से पहले लोकसभा स्पीकर को जानकारी देकर इजाजत लेनी होती है, जो राहुल गांधी ने नहीं किया. दुबे ने दलील दिया कि पीएम मोदी जब लोकसभा के सदस्य और देश के प्रधानमंत्री दोनों हैं तो आप बिना कोई नोटिस दिए इतना बड़ा आरोप कैसे लगा सकते हैं.
BJP सांसद निशिकांत दुबे ने दी ये दलील
सूत्रों ने बताया कि समिति के सामने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने की मांग कर रहे दुबे ने दलील दी कि 1976 में सुब्रमण्यम स्वामी को राज्यसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग करते वक्त तब के राज्यसभा में सदन के नेता कमलापति त्रिपाठी ने कहा था ”जस्टिस डिलेड इज जस्टिस डिनाइड.” दुबे ने संसदीय समिति के सामने कहा की तब नेता सदन राज्यसभा कमलपति त्रिपाठी ने कहा था कि देश के पीएम के प्रति कोई आरोप…देश के प्रति आरोप हो जाता है क्योंकि पीएम देश की आन बान होता है”.
राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने की मांग
सूत्रों के मुताबिक, दुबे ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने का दूसरा कारण ये हो सकता है कि भले ही लोकसभा स्पीकर ने उनके भाषणों को एक्सपंज कर दिया है लेकिन राहुल गांधी के 2 ट्वीट आज भी उनके ट्वीटर हैंडल पर मौजूद है जबकि वो सब एक्सपंज किए जा चुके है. इसके साथ ही दुबे ने प्रिविलेज कमिटी के सामने ये भी कहा की भले ही उनके भाषण का बड़ा हिस्सा लोकसभा की कार्यवाही से हटाया जा चुका है
जिद्दी हो गए हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी पर प्रिविलेज का तीसरा कारण इसलिए बनता है क्योंकि उन्होंने स्पीकर के इंटीग्रिटी पर प्रश्न किया और चैलेंज किया. दुबे ने समिति से कहा कि अगर स्पीकर ने एक्सपंज कर दिया उसको चैलेंज नहीं किया जा सकता. लेकिन राहुल गांधी लगातार देश और यहां तक कि विदेशों में जाकर भी कह रहे हैं कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जाता, उनका माइक बंद कर दिया जाता है. आप स्पीकर पर कैसे इस तरह से प्रश्न खड़ा कर सकते हैं. राहुल गांधी स्पीकर पर बार बार आरोप लगाते हुए जिद्दी हो गए हैं. दुबे ने ये भी कहा कि कमलापति त्रिपाठी जी ने 1976 में ही राज्यसभा में कहा था किसी भी तरह से देश के मुखिया के बारे में विदेशों में जाकर गलत बयानी राष्ट्र के लिए अहितकर है.
अगले हफ्ते फिर हो सकती है पेशी
आज समिति की बैठक में कुल 8 सदस्य मौजूद थे. डीएमके सांसद टीआर बालू बैठक में मौजूद नहीं थे पर उन्होंने लिखकर दे दिया था कि राहुल गांधी पर कोई प्रिविलेज का मामला नहीं बनता है. जबकि कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा कि जब राहुल का भाषण एक्सपंज हो गया तब प्रिविलेज का मामला क्यों बनाया जा रहा. समिति की बैठक में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने दुबे से कई मामलों को ऑथेंटीकेट करवाया और थोड़ी ज्यादा क्रॉस क्वेश्चनिंग की.